कश्मीर: 16 लाख लोगों का हेल्थ डाटा किया जाएगा इकट्ठा, शुरू हुई स्क्रीनिंग
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए श्रीनगर में स्क्रीनिंग शुरू हो गई है. ये अभियान 10 दिनों तक चलेगा और इसमें 16 लाख लोगों का डाटा जमा किया जाएगा. इस तरीके से ट्रैवल इतिहास और लक्षण वाले लोगों की पहचान की कोशिश की जा रही है, जिससे कोरोना के संक्रमण पर रोक लग सके.
श्रीनगर में अधिकारियों ने कोरोना वायरस जैसे लक्षणों वाले लोगों की पहचान करने के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शुरू किया है. घर-घर का ऑडिट 10 दिनों तक चलेगा और यात्रा के इतिहास वाले लोगों और कोविड-19 जैसे लक्षणों वाले लोगों की पहचान की जाएगी.
लगभग 700 टीमें बनी हैं, जिनमें डॉक्टर, पैरामेडिक्स, स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता, जिला कमिश्नर दफ्तर के अधिकारी, श्रीनगर नगर निगम से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं. श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर के मुताबिक, ऑडिट कोविड-19 से लड़ने का एक सामूहिक प्रयास है और लोगों को आने वाली टीमों के साथ सहयोग करना चाहिए जिससे इस महमारी से बचा जा सके.
डिप्टी कमिश्नर श्रीनगर शहीद इकबाल चौधरी ने कहा, ‘एक एफिशंट हेल्थ रिस्पांस के लिए डाटा जरूरी है. कंपलीट हेल्थ सर्वे किया जा रहा है. हम शहर में लक्षण देख रहे है जिससे यह पता लग सके कि कहीं कोई इंफेक्शन ना छुपा हो. अब कम्यूनिटी लेवल पर देखने की जरूरत है कि कहीं हिडेन इंफेक्शन ना हो, कहीं कम्यूनिटी ट्रांसमिशन ना हो रहा हो. इसलिए जितनी भी हमारी आबादी है, जो करीब 16 लाख है उसका हम सर्वे कर रहे हैं. सबसे पहले हमने ये सर्वे रेड जोन में शुरू किया था. इसमें हमने 21 रेड जोन को कवर किया था. हमारी जो वेब बेस टीम हैं, वो यह सर्वे कर रही हैं.’
टीमों ने डाटा एकत्र करने और एक परिवार के प्रत्येक सदस्य के स्वास्थ्य की स्थिति दर्ज करने के लिए घरों का दौरा करना शुरू किया है. सरकार का उद्देश्य श्रीनगर में लोगों के स्वास्थ्य के बारे में डाटा का उपयोग करके, ना केवल कोविड-19 संदिग्धों की पहचान करना है बल्कि एक रिस्पांस भी तैयार करना है, जिससे हर स्थिति के लिए तैयारी रहे.
सर्वे टीम से जुड़े पैरामेडिक्स मुख़्तार अहमद कहते हैं, ‘हम इस हिसाब से यह सर्वे कर रहे हैं, जिससे यह पता लग सके कि किसी की कोई ट्रैवल हिस्ट्री तो नहीं है या किसी को कोई बीमारी तो नहीं है, ये सब हमें रिपोर्ट करना है.’