कांग्रेस पर अमित शाह का वार- हर बिचौलिया चाहता है फैमिली बाम
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर मामले में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच बीजेपी ने कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की 2008 में लिखी चिट्ठी का एक बार फिर जिक्र किया है. मिशेल द्वारा पूछताछ में मिसेज गांधी का जिक्र किए जाने पर बीजेपी को कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल गया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कांग्रेस से कई सवाल किए हैं.
दरअसल 15 मार्च 2018 को वीवीआईपी चॉपर डील में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने पीटर हुलेट (तब अगस्ता के गवर्नमेंट सेल्स के रीजन हेड) को चिट्ठी में लिखा, ‘जैसा कि मिसेज गांधी वीआईपी के पीछे की ड्राइविंग फोर्स है, वो अब एमआई-8 में सवारी नहीं करेंगी. मिसेज गांधी और उनके नजदीकी सलाहकार वो लोग हैं जिन्हें हाई कमिश्नर को टारगेट करना चाहिए.’
प्रमुख सलाहकार हैं:
1. मनमोहन सिंह
2. अहमद पटेल
3. प्रणब मुखर्जी
4. एम वीरप्पा मोइली
5. ऑस्कर फर्नांडिस
6. एम के नारायणन
7. विनय सिंह
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘क्या किसी को पता है कि क्रिश्चियन मिशेल ने अपने वकील को मिसेज गांधी के बारे में सवाल किए जाने की डिटेल क्यों पास की? क्या वह चाहता था कि यह चिट मिसेज गांधी तक पहुंचे? क्यों?’
एक अन्य ट्वीट में अमित शाह ने लिखा, ‘मिशेल के वकील ने स्वीकार किया है कि यह पेपर वास्तव में उन्हें दिया गया. उन्हें लगा कि यह दवाइयों की लिस्ट है, जो किसी भी मामले में पारदर्शी रूप से किसी को दी जा सकती है. हमने झंडू बाम और टाइगर बाम के बारे में सुना है, लेकिन यह फैमिली बाम क्या है, जो हर बिचौलिया चाहता है?’
शाह ने आगे लिखा, ‘किसी भी स्थिति में यह बार-बार बताए जाने की जरूरत है कि मिशेल के वकील का कांग्रेस से कनेक्शन क्या है. उसका कथित निष्कासन एक दिखावा है. वह अभी भी मिशेल और मिसेज गांधी के बीच की कड़ी बना हुआ है.’
अमित शाह ने आगे लिखा, ‘राष्ट्रीय हित में मिशेल के वकील को हमें 2008 के दस्तावेजों के अस्तित्व के बारे में बताना चाहिए, जो मिसेज गांधी का संदर्भ देते हैं. जाहिर है मिशेल और भारत के एक परिवार के बीच की दोस्ती समय की कसौटी पर खरा और गहरा है.’
बता दें कि बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के वकील एल्जो जोसेफ, कांग्रेस की यूथ विंग के लीगल डिपार्टमेंट में थे. जिनका नाम सामने आने पर कांग्रेस पार्टी ने उन्हें न केवल इंडियन यूथ कांग्रेस के लीगल सेल से हटा दिया गया है बल्कि पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया था. वहीं दिल्ली की एक अदालत ने मिशेल पर प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत के दौरान अपने वकील से मिलने पर रोक लगा दी है. जांच एजेंसियों ने अदालत में कहा था कि वह वकीलों को चिट पहुंचा रहा है और उनसे पूछ रहा है कि मिसेज गांधी के बारे में पूछे गए सवालों से कैसे निपटना है.