मुंबई: इस साल के अंत की सर्दी में मुंबई कांग्रेस का माहौल गरमा गया है। वजह बना है पार्टी का मुखपत्र कांग्रेस दर्शन। मुंबई कांग्रेस मुखपत्र के हालिया संस्करण में कहा गया है कि, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के पिता मुसोलिनी के सेनानी थे। वे फासिस्ट थे। मुंबई कांग्रेस के मुखपत्र ने यह खुलासा भी किया है कि, सोनिया पार्टी की प्राथमिक सदस्य बनने के महज 62 दिनों में वे अध्यक्ष बन गईं। इतना ही नहीं तो राजीव गांधी से शादी के 16 साल बाद सोनिया गांधी भारत की नागरिक बनने की बात भी इस मुखपत्र में लिखी गई है।
कांग्रेस दर्शन इस मुखपत्र का यह सोनिया गांधी कार्य गौरव विशेषांक बताया जा रहा है। इस में ‘कांग्रेस की कुशल सारथी सोनिया गांधी’ और ‘पिता ने सबसे पहले सोनिया नाम से पुकारा था’ यह दो लेख छपे हैं। इन लेखों में सोनिया गांधी को लेकर वे तथ्य उजागर हुए हैं जिन पर अब तक कांग्रेस बहस नहीं चाहती थी।
इसी के अलावा, ‘सचमुच वे सरदार थे’ नाम से देश के पूर्व गृहमंत्री सरदार पटेल का महिमामंडन करता एक लेख प्रसिद्ध हुआ है। इस लेख में महात्मा गांधी और पंडित नेहरू की जमकर आलोचना की गई है। ये लेख कहता है-
-ज्यादातर कांग्रेस समितियों का समर्थन होने के बावजूद केवल गांधीजी की इच्छा के चलते सरदार पटेल को प्रधानमंत्री की दौड़ से दूर रखा गया।
-साथ में यह भी लिखा है कि पटेल को कई बार गांधीजी के कहने पर कांग्रेस अध्यक्षपद की दावेदारी से दूर होना पड़ा।
-अगर पटेल का नेहरू से सुना जाता तो कश्मीर समस्या का जन्म ही न होता।
कांग्रेस दर्शन के संपादक पार्टी के मुम्बई अध्यक्ष संजय निरुपम हैं। अपनी ग़लती को स्वीकार करते हुए उन्होंने संवादाताओं से बात करते हुए कहा है की वे दोषियों को दण्डित करेंगे।