नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने यह कह कर एक नया विवाद छेड़ दिया है कि पाकिस्तान के खिलाफ 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की जीत के लिए ‘मुसलमान सैनिक’ लड़े थे। आजम के बयान पर चुनाव आयोग गहराई से पड़ताल करने में जुट गई है। चुनाव समिति ने आजम के इस बयान की रिकार्डिंग मांगी है। वहीं, इस मामले की शिकायत अल्पसंख्यक आयोग तक भी पहुंची है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। चुनाव आयोग ने उनके भाषण का वीडियो मांगा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि कारगिल में मुसलमान सैनिकों की वजह से जीत मिली थी। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि चुनाव आयोग ने जिला प्रशासन से आजम के भाषण पर रिपोर्ट मांगी है। अक्सर विवाद पैदा करने वाले आजम ने यहां बीती रात गाजियाबाद में एक चुनाव रैली में कारगिल युद्ध को भी घसीट दिया। वह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। गौर हो कि गाजियाबाद संसदीय सीट में बड़ी संख्या में एक्स सर्विसमैन निवास करते हैं और यहां गुरुवार को चुनाव होना है। खान की इस टिप्पणी को निश्चित तौर पर समाजवादी पार्टी के पक्ष में वोटों के ध्रुवीकरण करने के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने साम्प्रदायिक लहजे वाले एक भाषण में कहा कि कारगिल में जो लोग लड़े वे हिंदू सैनिक नहीं थे बल्कि जीत के लिए लड़ने वाले मुसलमान सैनिक थे। खान ने यह भी कहा कि मुसलमान समुदाय की तुलना में कोई भी देश की सरहद की रक्षा बेहतर तरीके से नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हमें सेना में भर्ती करिए। हमसे बेहतर सरहद की रक्षा कोई नहीं कर सकता। इस पर, गाजियाबाद सीट से भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने खान की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध भारतीयों ने जीता था। उन्होंने कहा कि सेना में जाति, पंथ और धर्म की बात करने वाले किसी भी व्यक्ति की निंदा किए जाने की जरूरत है। चाहे वह कोई भी हो। युद्ध भारतीयों ने जीता था ना कि किसी जाति, पंथ, समाज या धर्म ने। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि खान के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।