![कार्ति चिदंबरम पर ED ने की बड़ी कार्रवाई, 3 देशों में 54 करोड़ की संपत्ति की जब्त](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2018/10/58335-mqrfqbevek-1519793554.jpg)
आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की देश-विदेश में स्थित करोड़ों की संपत्ति जब्त कर ली गई है. ईडी ने कार्ति चिदंबरम और उनके सहयोगियों की 54 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली. केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने INX मीडिया मामले में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की कई चल- अचल संपत्तियों को अटैच कर लिया है.
ईडी द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार कार्ति चिदंबरम की कंपनी Advantage Strategic Consulting Pvt. Ltd. (ASCPL) की कई संपत्तियों को जब्त किया है. कंपनी की कोडाइकनाल स्थित 25 लाख की कृषि भूमि, ऊटी स्थित 3.75 करोड़ का बंगला, ऊटी के कोथागिरी स्थित 50 लाख की कीमत का बंगला और नई दिल्ली के जोरबाग स्थित 16 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. जोरबाग के बंगले में फिलहाल उनके पिता पी चिदंबरम रहते हैं, लेकिन कानूनी दस्तावेजों के मुताबिक इसका मालिकाना हक कार्ति और उसकी मां नलिनी चिदम्बरम के नाम पर है.
वहीं, ईडी ने विदेश में भी संपत्ति जब्त की है. इसमें यूके समरसेट में 8 करोड़ की कीमत वाला फार्म और घर और स्पेन के बार्सिलोना में जमीन जब्त की है, जिसकी कीमत करीब 14 करोड़ रुपये है.
इसके अलावा ASCPL के नाम से डीसीबी बैंक में 90 लाख की फिक्स्ड डिपॉजिट, कार्ति के नाम से इंडियन ओवरसीज बैंक में मौजूद 9.23 करोड़ की धनराशि भी जब्त की है. ईडी के मुताबिक जब्त संपत्ति की कुल कीमत 54 करोड़ रुपये है.
आईएनएक्स मीडिया केस में आरोप है कि 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड ने आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपये की रकम प्राप्त करने के लिए अनुमति प्रदान करने में अनियमित्तायें की. इस समय कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. सीबीआई ने शुरू में आरोप लगाया था कि कार्ति ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिए दस लाख रुपए की रिश्वत ली. बाद में उसने इस आंकड़े में परिवर्तन करते हुए इसे दस लाख अमेरिकी डॉलर बताया था.
आपको बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दाखिल एयरसेल-मैक्सिस मामले में सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण एक नवंबर तक बढ़ा दिया. विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी ने मामले की अगली सुनवाई के लिए एक नवंबर की तारीख उस वक्त तय की जब सीबीआई और ईडी की तरफ से पेश हुए वकीलों ने इस मामले में स्थगन की मांग की थी .
सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि 2006 में वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए चिदंबरम ने कैसे एक विदेशी कंपनी को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिला दी जबकि सिर्फ कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति को ऐसा करने का अधिकार था. 3,500 करोड़ रुपए के एयरसेल-मैक्सिस करार और 305 करोड़ रुपए के आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम की भूमिका जांच एजेंसियों की छानबीन के दायरे में है.
आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने मई 2017 में में कार्ति चिदंबरम के खिलाफ केस दर्ज किया था. उन पर आईएनएक्स मीडिया को लिमिट से ज्यादा विदेशी निवेश हासिल कराने के लिए मदद करने का आरोप है. यह 305 करोड़ के विदेशी निवेश का मामला था और जब इस निवेश को मंजूरी मिली, तब पी. चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. कार्ति चिदंबरम पर ये डील कराने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है
प्रवर्तन निदेशालय इस केस में इससे पहले भी कार्ति चिदंबरम और पी. चिदंबरम के ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुका. जिसके बाद इसी साल सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था.
सीबीआई ने रिमांड पर कार्ति चिदंबरम से लंबी पूछताछ की थी. यहां तक कि आईएनएक्स मीडिया हाउस का मालिकाना रखने वाली इंद्राणी मुखर्जी को सामने बिठाकर भी पूछताछ की गई थी. कार्ति को जेल जाना पड़ा था, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से वो बाहर हैं.
गौरतलब है कि पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने आरोप लगाया था कि वे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से उनके नार्थ ब्लॉक कार्यालय में मिले थे. इन दोनों ने पी चिदंबरम से उनकी मीडिया कंपनी में विदेशी निवेश के लिए क्लियरेंस की मांग की थी.
अधिकारियों के मुताबिक, चिदंबरम ने इसके बाद उनसे कहा था कि उनके बेटे के कारोबार में मदद करो. पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने ये भी कहा कि वे दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में कार्ति से मिले थे, जहां उन्होंने कथित रूप से 10 लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की थी.