समुद्रशास्त्र के अनुसार हथेली में सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत होता है। बुध पर्वत के पास दिखने वाली खड़ी रेखाएं और अंगूठे के नीचे यानी शुक्र पर्वत के पास जितनी भी छोटी रेखाएं होती हैं वह संतान रेखा के रूप में जानी जाती है इन रेखाओं से संतान सुख का विचार किया जाता है।
हथेली में इन स्थानों पर जितनी भी साफ और स्पष्ट रेखा है उन्हें गिन लें आपको इतनी संख्या में पुत्र संतान हो सकती है जबकि हलकी रेखाएं बताती हैं कि आपको कितनी कन्या संतान होगी।
आपकी हथेली में बुध पर्वत अधिक उभरा है और संतान रेखा स्पष्ट हैं तो आपके चार पुत्र और तीन कन्या संतान होने हो सकती है। आपके बच्चे गुणवान और संस्कारी होंगे।
हथेली में अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत अधिक उभरा हुआ है तो आपको एक संतान होने की संभावना बनती है।
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार हथेली में जितनी संतान रेखा अधिक उभरी और स्पष्ट होती है व्यक्ति को उतने ही संतान से अधिक स्नेह और सुख मिलता है। यही वजह है कि व्यक्ति का किसी खास संतान से अधिक लगाव होता है और उनसे सुख मिलता है।
अगर किसी पुरुष की हथेली में संतान रेखा नहीं है तो इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि उनकी संतान नहीं होगी। अगर पत्नी की हथेली में संतान रेखा है तो संतान सुख मिल सकता है लेकिन संभव है कि बच्चों का लगाव मां से अधिक होगा।