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किन्नौर में फिर बरपा कुदरत का कहर, भूस्खलन की चपेट में 40 से अधिक लोग, सेना ने संभाला मोर्चा

किन्नौर: देश में वैश्विक महामारी का संकट काल जारी है तो वहीं, दूसरी तरफ, कुदरत भी लोगों पर बेहरम बना हुआ है। देश का पहाड़ी क्षेत्र और स्वर्ग के समान हिमाचल प्रदेश एक बार प्रकृति का कहर झेलने को मजबूर हो गया है। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को भूस्खलन होने से 40 से अधिक लोग उसकी चपेट में आ गए। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने यह जानकारी दी।

सादिक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सड़क परिवहन की बस समेत अनेक वाहन भूस्खलन के मलबे में दब गए। बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे। बस किन्नौर के रेकॉन्ग प्यो से शिमला जा रही थी। किन्नौर के उपायुक्त ने बताया कि सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और स्थानीय बचाव दलों को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया। सादिक ने बताया कि पत्थर अब भी गिर रहे हैं जिससे बचाव अभियान में कठिनाई आ रही है।

हादसे में बस के साथ ही अन्य पांच छोटे वाहन भी दबे होने की आशंका है। चट्टान खिसकने के बाद से ही नेशनल हाईवे नंबर 5 ब्लॉक है। यह हादसा बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे के आसपास हुआ। मलबे में हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की बस के साथ ही एक ट्रक और एक गाड़ी भी दबी दिख रही है। बस के अलावा कुछ और गाड़ियां भी दबी हैं।

मलबे को हटाने के लिए काम तेजी से किया जा रहा है लेकिन अभी भी चट्टानों से पत्थर और मिट्टी गिर रही है, जिसकी वजह से बचाव कार्य में रुकावट आ रही है। एनडीआरएफ की टीम को मौके पर भेजा गया है। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन भी बचाव के काम में जुटा है। एनडीआरएफ के साथ ही स्थानीय बचाव टीमों को भी घटनास्थल पर बुलाया गया है। सादिक हुसैन ने यह भी बताया कि अभी तक चट्टानों से बड़े-बड़े पत्थर गिर ही रहे हैं, जिसकी वजह से बचाव कार्य में बाधा आ रहा है।

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