मुम्बई। किसान आत्महत्या रोकने के लिए विशेष योजना चलाने के फैसले के तहत फडणवीस सरकार ने 7 करोड़ 65 लाख रुपए की निधि उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है। यह निधि विदर्भ व मराठवाड़ा के किसान आत्महत्या ग्रस्त कुल 14 जिलों में इस्तेमाल की जाएगी। इससे संबंधित शासनादेश रविवार को जारी किया गया।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसान आत्महत्या रोकने के लिए राज्य के जिन 14 जिलों में योजना चलाई जाएगी, उनमें विर्दभ के अकोला, यवतमाल, वाशिम, अमरावती, बुलढाणा व वर्धा और मराठवाड़ा के औरंगाबाद, जालना, हिंगोली, बीड़, नांदेड़, लातूर, उस्मानाबाद व परभणी शामिल हैं। सरकार का दावा है कि इस प्रयास से किसान आत्महत्या रोकने में सफलता मिलेगी।
कई चरणों में चलेंगी अलग-अलग योजनाएं
इन 14 जिलों में कई चरणों में योजनाएं चलाई जाएंगी। प्रथम चरण में जिला अस्पतालों में विशेष समुपदेशन कक्ष बनाए जाएंगे। अमरावती, वर्धा, वाशिम, बीड़, बलुढाणा, हिंगोली, जालना, उस्मानाबाद व परभणी के जिला अस्पताल और अकोला, औरंगाबाद, नांदेड़, लातूर व यवतमाल जिले के उपजिला अस्पतालों में विशेष समुपदेशन कक्ष खोले जाएंगे। आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं जैसे समुपदेशन विशेषज्ञ व विशेषज्ञ चिकित्सक जैसे अन्य पदों की ठेके पर नियुक्ति होगी।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसान आत्महत्या रोकने के लिए राज्य के जिन 14 जिलों में योजना चलाई जाएगी, उनमें विर्दभ के अकोला, यवतमाल, वाशिम, अमरावती, बुलढाणा व वर्धा और मराठवाड़ा के औरंगाबाद, जालना, हिंगोली, बीड़, नांदेड़, लातूर, उस्मानाबाद व परभणी शामिल हैं। सरकार का दावा है कि इस प्रयास से किसान आत्महत्या रोकने में सफलता मिलेगी।
इन 14 जिलों में कई चरणों में योजनाएं चलाई जाएंगी। प्रथम चरण में जिला अस्पतालों में विशेष समुपदेशन कक्ष बनाए जाएंगे। अमरावती, वर्धा, वाशिम, बीड़, बलुढाणा, हिंगोली, जालना, उस्मानाबाद व परभणी के जिला अस्पताल और अकोला, औरंगाबाद, नांदेड़, लातूर व यवतमाल जिले के उपजिला अस्पतालों में विशेष समुपदेशन कक्ष खोले जाएंगे। आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं जैसे समुपदेशन विशेषज्ञ व विशेषज्ञ चिकित्सक जैसे अन्य पदों की ठेके पर नियुक्ति होगी।