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किसी ने दोस्त के लिए दी जान, किसी ने मां-पिता के लिए खाई गोली, अपने बच्चे को जरूर पढ़ायें वीर बच्चों की ये कहानी

गुरुगा हिमा प्रिया, भारत अवॉर्ड…उम्र- 8 साल । 10 फरवरी 2018 को हथिया’रबंद आतं’कियों ने जम्मू के सुंजवन सैन्य कैंप में ह’मला बोला था। इसमें 20 भारतीयों की मौ’त हुई थी जबकि 20 घायल हुए थे। प्रिया उस वक्त अपनी मां के साथ घर पर सो रही थी। ह’मला होने के बाद दोनों ने खुद को घर के अंदर बंद कर लिया। आ’तंकियों ने उनके आंगन में एक ग्रे’नेड फेंका जिसमें प्रिया घायल हो गई लेकिन उसने आतं’कियों को लंबे समय तक बातचीत में मशगूल रखा और आ’तंकियों से खुद को अपनी मां और दो छोटी बहनों को बचाने में सफल रही। उस वक्त प्रिया के पिता घर पर नहीं थे जो पेशे से हवलदार हैं।

किसी ने दोस्त के लिए दी जान, किसी ने मां-पिता के लिए खाई गोली, अपने बच्चे को जरूर पढ़ायें वीर बच्चों की ये कहानीसौम्यदीप जाना, भारत अवॉर्ड उम्र -13 साल। सुंजवन आर्मी स्टेशन में आ’तंकी ह’मले के दौरान सौम्यदीप ने अपनी मां और बहन को एक कमरे में बंद कर दिया और बाहर से ताला लगा दिया। आ’तंकियों ने घर का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की लेकिन सौम्यदीप ने स्टील के बक्से से बैरिकेडिंग कर दी। बौखलाए आ’तंकियों ने एक ग्रे’नेड फेंककर AK 56 राइफल से फा’यरिंग कर दी।

इस वजह से सौ’म्यदीप घायल हो गया और तीन महीने तक कोमा में रहा। उनका बायां हिस्सा पैराला’इज्ड है। घटना के चलते उनके देखने और सुनने की शक्ति भी क्षीण हो गई। लेकिन चेहरे पर मुस्कान लिए वह कहते हैं, मुझे मेरे परिवार के लिए यह करना था। मैं उन्हें मरने के लिए नहीं छोड़ सकता था।

हर साल की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस पर 26 बच्चों को वीरता पुरस्कार दिया जाएगा। इस बार केंद्र सरकार ने एनजीओ आईसीसीडब्ल्यू की जगह खुद बच्चों का चुनाव किया है। इस बार भारत पुरस्कार के लिए दो बच्चों का चुनाव किया गया है, जिसमें एक 8 साल की गुरुगा हिमा प्रिया और 14 साल के सौम्यदीप जाना हैं। दोनों जम्मू के रहने वाले हैं। दोनों को यह पुरस्कार पिछले साल हथि’यारबंद आ’तंकवादियों के साथ बहादुरी से सामना करने के लिए दिया जाएगा।

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