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कुंबले, श्रीधर की सहायता से पुजारा सफल रहे

रांची (ईएमएस)। टीम इंडिया के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने जिस प्रकार आत्मविश्वास से आस्ट्रेलियाई गेंदबाज स्टीव ओकीफी का सामना किया। उसमें कोच अनिल कुंबले की अहम भूमिका रही। कुंबले की गेंदबाजी पर बल्लेबाजी का अभ्यास करके ही पुजारा कीफी के सामने अधिक से अधिक रन बना पाये।

पुजारा पुणे टेस्ट में बाएं हाथ के स्पिनर ओकीफी और तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क की गेंदों पर आउट हुए थे। उन्होंने बेंगलुरु में दूसरी पारी में 92 रन की पारी खेलकर भारत के लिए जीत में अहम भूमिका अदा की, जिससे दोनों टीमें बराबरी पर आ गई। पुणे टेस्ट में विफल होने के बाद पुजारा ने अपने खेल पर काफी मेहनत की है और उन्होंने इसके लिए कुंबले और फील्डिंग कोच आर श्रीधर की मदद मिली।

पुणे टेस्ट में ओकीफी को खेलना मुश्किल साबित हुआ था, जिसमें उन्होंने 70 रन देकर 12 विकेट हासिल कर करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारतीय बल्लेबाजों को जिस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, उसकी तैयारी के लिए कुंबले ने अभ्यास के दौरान पुजारा को बायें हाथ की स्पिन से गेंदबाजी की। पुजारा ने 16 मार्च से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले कहा, “उनके पास बाएं हाथ के स्पिनर हैं तो कोच कुंबले उसे ही दोहराने की कोशिश कर रहे थे और वह क्रीज पर कोने से आकर दाएं हाथ की ओर कोण बना रहे थे और वहां से स्पिन करने की कोशिश कर रहे थे।”

पुजारा ने कहा, “इसलिए मैं उस कोण का आदी होने की कोशिश कर रहा था। श्रीधर भी ‘ओवर द स्टंप’ से गेंदबाजी कर रहे थे, शार्ट गेंद फेंक रहे थे। यह काफी उपयोगी साबित हुआ, विशेषकर श्रीधर से क्योंकि वह सचमुच सटीक था। अनिल ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की, हालांकि वह दाएं हाथ के गेंदबाज है लेकिन उसने बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी करने की कोशिश की और अभ्यास में यह अच्छा था।” यह महान स्पिनर पुजारा को परेशान करने में भी सफल रहा।

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