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केंद्र सरकार ने आयकर विभाग के भ्रष्टाचार 15 अधिकारियों को किया रिटायर

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग को जारी रखते हुए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को आयकर विभाग के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। यह सभी अधिकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड में कार्य कर रहे थे।

सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा
इन सभी अधिकारियों को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। जिन लोगों को रिटायर किया गया है उनमें आयकर विभाग के प्रधान आयुक्त से लेकर के सहायक आयुक्त तक शामिल हैं। जून के बाद से यह चौथा मौका है जब अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी गई है। इससे पहले के तीन चरणों में 49 उच्च रैंकिंग वाले अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी गई थी। इनमें 12 अधिकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए गए भाषण में कहा था कि टैक्स विभाग में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने अपनी ताकत का दुरुपयोग किया होगा और करदाताओं को परेशान किया होगा। ऐसे अधिकारियों ने ईमानदार करदाताओं को निशाना बनाया होगा या मामूली या प्रक्रिया संबंधी उल्लंघनों पर भी जरूरत से ज्यादा कार्रवाई की होगी।

नियम 56 (जे) का किया इस्तेमाल
केंद्र सरकार ने इन अधिकारियों को हटाने के लिए नियम 56 (जे) का इस्तेमाल किया है। इस नियम के तहत सरकार किसी भी अधिकारी को जनता की सुविधा के लिए पदमुक्त कर सकती है। इस नियम के तहत जो भी अधिकारी 35 साल की उम्र से पहले सेवा में आए थे और 50 साल पूरे कर चुके हैं या जो अधिकारी 55 साल के हो चुके हैं अथवा 30 साल की सेवा दे चुके हैं उनके कार्यों का सरकार तीन से छह माह के अंतराल पर रिव्यू करती है। रिव्यू के आधार पर इनकी नौकरी आगे जारी रखने के बारे में फैसला ले सकती है।

इन लोगों को किया रिटायर
जिन लोगों को सरकार ने सेवाओं से कार्यमुक्त किया है उनके नाम इस प्रकार हैं :

नाम पद
ओपी मीणा प्रधान आयुक्त
शैलेंद्र ममीदी आयुक्त
पीके बजाज आयुक्त
संजीव घई संयुक्त आयुक्त
के जयप्रकाश सहायक आयुक्त
वी अप्पला राजू अतिरिक्त आयुक्त
राकेश एच शर्मा सहायक आयुक्त
नीतिन गर्ग उपायुक्त
एस ए फजुल्लुला उपायुक्त
कृपा सागर दास उपायुक्त
पी जोस कुंजीप्पालू सहायक आयुक्त
सीजे विंसेट सहायक आयुक्त
टीके भट्टाचार्या उपायुक्त
कमलेश कुमार त्रिपाठी संयुक्त आयुक्त
एस आर सेनापति अतिरिक्त आयुक्त

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