दिल्ली के ऑटो चालकों को अब फिटनेस फीस जमा नहीं करानी होगी। साथ ही 100 रुपये मासिक जीपीएस ट्रैकिंग चार्ज भी नहीं लगेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में दोनों शुल्कों को माफ करने का परिवहन विभाग का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया। इन शुल्कों को अब दिल्ली सरकार अदा करेगी। इसके अलावा ऑटो चालकों को राहत देने वाले दूसरे कई फैसले भी दिल्ली कैबिनेट ने किए हैं।
यह फैसला एक सितंबर से लागू होगा। ऑटो चालकों को अब तक 600 रुपये फिटनेस शुल्क जमा कराना होता है। वहीं, जीपीएस ट्रैकिंग शुल्क 100 रुपये था। दोनों शुल्कों को सरकार ने माफ कर दिया है। दूसरी तरफ फिटनेस की समय सीमा खत्म होने पर अगर सर्टिफिकेट लिया जाता था तो 1000 रुपये लेट फीस देनी होती थी। इसे घटाकर 300 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा ऑटो की प्रतिलिपि पंजीकरण प्रमाण पत्र फीस 500 रुपये से घटाकर 150 कर दी गई है। जबकि मालिकाना हक बदलने का शुल्क 500 रुपये से घटाकर 150 कर दिया गया है।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऑटो की फिटनेस प्रक्रिया में अभी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है। वहीं, सरकार को इससे ज्यादा राजस्व भी नहीं मिलता। खासकर फिटनेस व जीपीएस ट्रैकिंग शुल्क के मामले में ऑटो चालकों को ज्यादा दिक्कतें होती थीं।
घर बैठे मिलेगा फिटनेस प्रमाणपत्र
दिल्ली सरकार ऑटो फिटनेस सुविधा को डोर स्टेप डिलीवरी स्कीम फॉर सर्विसेज से जोड़ने जा रही है। इसके तहत चालक मोबाइल पर ही फिटनेस से जुड़ी सारी प्रक्रिया पूरी करेंगे। नियत तारीख पर उनको प्रमाण पत्र मिल जाएगा।