केरी बोले-पठानकोट हमले का सच बताएं नवाज शरीफ
वॉशिंगटन: पाकिस्तान पर पठानकोट आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक तरह से दबाव बनाते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने रविवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बात की और उन्हें सच का पता लगाने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में आतंकवाद की भारी चुनौती पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर भी जोर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया ‘हम विदेश मंत्री केरी के आज प्रधानमंत्री शरीफ से बात करने की पुष्टि कर सकते हैं।
उन्होंने हमारे संबंधों के लिए महत्वपूर्ण विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर तथा क्षेत्र में आतंकवाद की बढ़ती चुनौती पर ध्यान केंद्रित रखने के बारे में चर्चा की।’ किर्बी दरअसल केरी और शरीफ के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे थे। बीती दो जनवरी को छह पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा पठानकोट एयरबेस पर किए गए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के नेताओं के बीच अब तक की उच्चस्तरीय वार्ता है। इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है ‘‘केरी ने पठानकोट में हुए आतंकी हमले का सच पता लगाने में प्रधानमंत्री को पूरा सहयोग देने की पेशकश की।’
बयान के अनुसार, शरीफ ने विदेश मंत्री केरी को बताया कि ‘हम पारदर्शी तरीके और तेजी के साथ जांच कर रहे हैं और हम सच सामने लाएंगे। दुनिया इस संबंध में हमारे प्रभाव और गंभीरता को देखेगी।’ केरी की शरीफ से बातचीत भारतीय खुफिया एजेंसियों की इन खबरों के बीच हुई कि पाकिस्तान में कुछ लोगों और समूहों ने पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हमले की साजिश रची और उसे अंजाम दिया। भारत ने पाकिस्तान को ‘‘इस संदर्भ में विशिष्ट एवं कार्रवाई योग्य जानकारी उपलब्ध करवाई है।’
बहरहाल, पाकिस्तान ने कहा है कि उसे पठानकोट हमले में संलिप्त संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए..हमले की साजिश और उसका दिशानिर्देशन पाकिस्तानी धरती से होने की खबरों से इतर ‘‘ठोस सबूतों’’ की दरकार है। किर्बी ने बताया ‘‘विदेश मंत्री ने हमारे इस विचार को भी दोहराया कि क्षेत्र को और अधिक समृद्ध तथा सुरक्षित बनाने के लिए भारत और पाकिस्तान का साथ काम करते रहना जरूरी है।’ बयान के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस तथ्य के बावजूद बातचीत जारी रहेगी कि आतंकवादियों ने इसमें अड़ंगा डालने की कोशिश की ‘क्योंकि भारत और पाकिस्तान वार्ता का जारी रहना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी है तथा दोनों प्रधानमंत्रियों को सतत वार्ता सुनिश्चित करने के लिए नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाने की जरूरत है।’’
इसमें आगे कहा गया है कि शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान किसी को भी विदेश में आतंकी हमले करने के लिए अपनी भूमि का इस्तेमाल नहीं करने देगा। शांति प्रक्रिया के तहत भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बैठक इस सप्ताह होनी है। इस बैठक पर शरीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच उस समय सहमति बनी थी, जब बीते 25 दिसंबर को मोदी काबुल से नयी दिल्ली लौटते समय लाहौर के औचक दौरे पर चले गए थे।