सनातन धर्म में प्राचीनकाल से ही पवित्रता को काफी महत्व दिया जाता है। कहीं जाने से पहले स्वच्छता के बारे में काफी सावधानी बरती जाती है। जाने से पहले स्नान करना आवश्यक होता है। इसके अलावा किसी पवित्र जगह पर जाने से पहले अपने जूते-चप्पल भी बाहर ही निकाल दिए जाते हैं। हिन्दू धर्म शास्त्रों में मंदिर के अलावा भी कुछ ऐसी जगहों में बारे में बताया गया हैं, जहां जाने से पहले जूते-चप्पल निकाल देने चाहिए।
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अनजाने में बन जाते हैं बड़े पाप के भागी:
ऐसा माना जाता है कि जूता-चप्पल पहनकर जाने से उन जगहों का निरादर होता है। व्यक्ति इससे अनजाने में ही बहुत बड़े पाप का भागी भी बन जाता है। घर में भी कुछ ऐसी जगहें हैं जहां हमेशा जाने से पहले अपने जूते-चप्पल बाहर उतार देने चाहिए। ऐसा ना करने पर व्यक्ति के घर से गरीबी कभी बाहर जाती ही नहीं है। आइये जानते हैं कौन-कौन सी वो जगहें हैं, जहां जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए।
इन जगहों पर जाने से पहले निकाल दें अपने जूते-चप्पल:
*- घर में जहां पर आपने अपनी तिजोरी रखी है, वहां जाने से पहले अपने जूते-चप्पल अवश्य निकाल दें। धन को देवी लक्ष्मी के समान माना जाता है। जब आप जूता-चप्पल पहनकर धन के पास जाते हैं तो इससे देवी लक्ष्मी का अनादर होता है। इससे मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं, और व्यक्ति के घर को छोड़ देती हैं।
*- किसी भी नदी में भूलकर भी जूते-चप्पल पहनकर ना जाएं। नदी को देवी का रूप माना जाता है। वहां जूते-चप्पल पहनकर जाने से पाप लगता है।
*- किसी भी घर का रसोई घर हमेशा साफ-सुथरा होना चाहिए। उसमें घुसने से पहले अपने जूते-चप्पल बाहर ही निकाल देने चाहिए। जिस घर की रसोई साफ-सुथरी होती है, वहां देवी देवता अपना वास बना लेते हैं। इससे घर में धन की कभी भी कमी नहीं होती है।
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*- घर के भंडार घर में भी सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। यहां मां अन्नपूर्णा का वास माना जाता है। वहां भी जाने से पहले अपने जूते चप्पल अवश्य निकाल दें।
*- श्मशान घाट में भी जब किसी को अंतिम विदाई देने जा रहे हैं तो वहां भी बिना जूते-चप्पल के जाना चाहिए।
*- जब अस्पताल में किसी से मिलने जाएं तो उससे पहले भी अपने जूते चप्पल बाहर निकाल दें।
*- घर में बने हुए मंदिर या दैवीय स्थल के पास जाने से पहले अपने जूते-चप्पल अवश्य निकाल देने चाहिए। उसके आस-पास भी जूते-चप्पल पहनकर घूमने से उनका अपमान होता है।