कैप्टन कूल का सफरनामा : 11 साल पहले शून्य से शुरुआत कर धोनी ने बनाया था अनूठा रिकॉर्ड
नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी, क्रिकेट जगत का एक नायाब सितारा जिसके विरोधी भी कायल हैं। झारखंड जैसे छोटे राज्य से निकले इस महान कप्तान के नेतृत्व में पिछले कुछ समय से टीम इंडिया को भले ही सफलता नहीं मिल पा रही है, लेकिन इसके बावजूद उनकी काबिलियत पर किसी को शक नहीं है। दरअसल टीम इंडिया के साथ धोनी का सफर 23 दिसंबर, 2004 से शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है। उनको टीम से जुड़े हुए 11 साल हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ी और कप्तान के रूप में देश को कई अविस्मरणीय पल दिए हैं। हम आपको उनके अब तक के सफर और उपलब्धियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
…और बन गया अनूठा रिकॉर्ड
महेंद्र सिंह धोनी को वनडे टीम में मौका बांग्लादेश खिलाफ मिला था। बांग्लादेश दौरे पर 23 दिसंबर, 2004 को चिटगांव में खेले गए इस मैच में धोनी नाकाम रहे थे। खास बात यह कि उन्हें विकेट के बीच अच्छी दौड़ के लिए जाना जाता है, लेकिन इस मैच में वे पहली ही गेंद पर शून्य पर रनआउट हो गए थे। हालांकि टीम इंडिया 11 रन से जीत गई थी। इस प्रकार उन्होंने पहले ही मैच में एक अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। वे डेब्यू मैच में पहली ही गेंद पर शून्य पर आउट होने वाले भारत के पहले बल्लेबाज बन गए। वहीं वर्ल्ड लेवल पर चौथे बैट्समैन रहे। धोनी से पहले भारत के रोजर बिन्नी अपने डेब्यू मैच में रनआउट हुए थे, लेकिन उन्हें एक भी बॉल खेलने का मौका नहीं मिला था। यदि धोनी के वनडे करियर पर नजर डालें, तो उन्होंने 270 मैच में 8832 रन बनाए हैं, जिनमें 9 शतक और 60 फिफ्टी शामिल हैं। उनका बेस्ट स्कोर 183 रन है।
टेस्ट-वनडे दोनों के 5वें मैच में पहली सेंचुरी
धोनी ने अपने करियर के 5वें टेस्ट और वनडे दोनों में पहला शतक लगाया था। अप्रैल, 2005 में अपने 5वें वनडे में उन्होंने विशाखापटनम में पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन बनाए थे, जबकि जनवरी, 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में खेले गए टेस्ट में उन्होंने 146 रन बनाए थे। यदि उनका टेस्ट रिकॉर्ड देखें, तो उन्होंने 90 टेस्ट में 4876 रन बनाए हैं।
टी-20 में डेब्यू भी शून्य से
अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को टी-20 का वर्ल्ड कप जिताने वाले धोनी की टी-20 में शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। दिसंबर, 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कैप्टन कूल महज दूसरी ही गेंद पर बिना खाता खोले ही आउट हो गए थे। उन्होंने अब तक 210 टी-20 मैच खेलकर 4432 रन बनाए हैं।
तीन आईसीसी अवार्ड
धोनी के वनडे में दबदबे का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आईसीसी ने उनको लगातार दो बार वनडे का बेस्ट प्लेयर घोषित किया। पहली बार 2008 में और फिर 2009 में वे इस अवॉर्ड के लिए चुने गए। 2013 में उन्हें एलजी प्यूपिल्स च्वॉइस अवॉर्ड मिला।
तीन बार आईसीसी के वनडे और टेस्ट इलेवन में जगह
धोनी को 2009, 2010 और 2013 में आईसीसी के वर्ल्ड इलेवन में जगह मिल चुकी है। उन्हें टेस्ट और वनडे दोनों फॉर्मेट में चुना जा चुका है। इस प्रकार वे अब तक के अपने करियर में तीन बार आईसीसी की चयन समिति को अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने में सफल रहे हैं।
आईसीसी के सभी टूर्नामेंट जीते
एमएस धोनी ऐसे कप्तान हैं जिनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने आईसीसी के सभी बड़े टूर्नामेंट में जीत हासिल की है। धोनी के नाम टी-20 वर्ल्ड 2007, वनडे वर्ल्ड कप 2011 और ICC चैंपियंस ट्रॉफी दर्ज हैं। ऐसा करने वाले वे विश्व के पहले कप्तान हैं। यह एक अनूठी उपलब्धि है। वे टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाले भारत के एकमात्र कप्तान भी हैं, जबकि वनडे में दूसरे। उनसे पहले 1983 में कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया वनडे में वर्ल्ड चैंपियन बनी थी। 2009 में उनकी कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार आईसीसी रैंकिंग में नंबर वन टेस्ट टीम बनी।