फिल्म में वे टफ कॉप आभा माथुर के किरदार में हैं। फिल्म को लेकर प्रियंका से हालिया बातचीत। आपको ‘बाजीराव मस्तानी’ में सहानुभूतिपूर्ण किरदार निभाने के लिए अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
मेरा घर एक गार्डन बन गया है! मेरे पास फोन कॉल्स और लैटर्स आ रहे हैं, लेकिन मुझे लग रहा है कि मुझे भी नहीं पता कि मैंने क्या कर दिया है! प्रकाश झा कहते हैं कि जब वे ‘जय गंगाजल’ के लिए आपके पास आए थे तो आपके पास बात करने का भी समय नहीं था।
हां, ऐसा ही हुआ था। हम बहुत लम्बे समय से एक-दूसरे के साथ काम करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हमारा छत्तीस का आंकड़ा था, इसलिए बात नहीं बनी। आखिरकार मैंने उन्हें फोन किया और कहा कि मैं उनसे मिलना चाहती हूं।
जब उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं सोचता था कि आपके पास टाइम नहीं है’, तो मैंने उन्हें निवेदन किया कि वे महज 15 मिनट में पूरी स्क्रिप्ट सुना दें। मैंने कहा, ‘यह किरदार मेरे अलावा कोई और नहीं कर सकता। बैक टु बैक आपकी एक और फिल्म रिलीज होने वाली है। मुझे भी नहीं पता चला कि ‘जय गंगाजल’ मैंने कब पूरी कर ली। यह सब बहुत जल्दी हुआ।
प्रकाश झा इतनी जल्दी काम करते हैं और काम को शेड्यूल से पहले ही पूरा कर लेते हैं! हमने दिन में आठ घंटे शूटिंग की और शूटिंग पूरी हो गई। हमने कभी ज्यादा देर तक काम नहीं किया। मुझे पता भी नहीं चला कि पोस्टर कब बने और फिल्म कब तैयार हो गई… सिर्फ वे ही यह संभव कर सकते थे। फिल्म में आपको लोगों को मारना है।
क्या आपने असल जिंदगी में किसी की पिटाई की है?
हां, ऐसा हुआ है। मुझे याद है कि मैं ‘अनजाना अनजानी’ की शूटिंग कर रही थी और जब मैं अपनी वैनिटी वैन से बाहर आई तो एक लड़का आया और उसने मेरा हाथ पकड़कर कहा, ‘मैडम आपके साथ एक फोटो क्लिक करना है’, यह सब इतना जल्दी हुआ कि मैंने उसकी कॉलर पकड़ी और उसे तेज थप्पड़ जड़ दिया… और उसके बाद मैं भाग गई।
क्या इस किरदार के लिए आपको किसी तरह का फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन करना पड़ा?
मै आमतौर पर मैं लेजी पर्सन हूं और वर्कआउट नहीं करती। लेकिन इस फिल्म के लिए मैंने वर्कआउट किया। मैं हफ्ते में तीन या चार बार जिम जाती थी। प्रकाश सर हर दिन सुबह पांच बजे ट्रेडमिल पर होते थे। वे मजाक में कहते, ‘आपका ट्रेनर आपको छोड़कर बाकी सभी को कसरत करा रहा है।
मेल एक्टर्स में से आप किसके बारे में मानती हैं कि वे मोस्ट डैशिंग कॉप का किरदार निभा सकते हैं? कॉप के रूप में मुझसे आकर्षक कोई और नहीं दिख सकता।
भारत में काम करना और बाहर काम करना… क्या यह पूरी तरह से अलग है?
वहां पर 36 घंटे काम होता है और यहां पर भी। अंतर सिर्फ इतना है कि वहां हम इंग्लिश में बात करते हैं और यहां हिन्दी में।
‘जय गंगाजल’ में टफ कॉप आभा माथुर का किरदार निभाना मुश्किल था?
जब मैं इस तरह का स्ट्रॉन्ग और टफ किरदार निभाती हूं तो मेरे लिए यह भी जरूरी है कि मैं अपने नारीत्व को भी बरकरार रखूं… इसी पर मेरे और प्रकाश सर के बीच डिस्कशन हुआ। बतौर महिला वुमनहुड का आनंद लेना चाहिए और आभा भी यही कर रही है। वह पूरी तरह से नारीवादी है, सौम्य है, फिर भी आप उसका गलत फायदा नहीं उठा सकते। मुझे किरदार के हिस्से के रूप में इसे निभाकर काफी मजा आया।