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कोच और मिताली के विवाद में कूदे ये विश्व कप चैंपियन क्रिकेटर, बोले- पोवार दुश्मन नहीं…
![कोच और मिताली के विवाद में कूदे ये विश्व कप चैंपियन क्रिकेटर, बोले- पोवार दुश्मन नहीं...](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2018/12/mittali-raj.jpg)
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच रमेश पोवार और वन-डे कप्तान मिताली राज के विवाद में अब विश्व कप विजेता क्रिकेटर मदन लाल ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने कहा कि खेल में आपको टीम के लिए कभी कड़े फैसले लेना होते हैं और खिलाड़ियों को इसे निजी नहीं लेना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि कोच पोवार भारतीय महिला बल्लेबाज मिताली के दुश्मन नहीं है और खिलाड़ी को अपने खेल पर काम करते हुए टी20 के अनुरूप बल्लेबाजी में सुधार करना चाहिए न कि विवाद में पड़ना चाहिए।
मिताली ने बीसीसीआई को लिखे पत्र में कोच पोवार और प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना इडुल्जी पर भेदभाव का आरोप लगाया। वहीं पोवार ने अपने बचाव करते हुए मिताली को स्वार्थी करार दिया। उन्होंने साथ ही कहा कि मिताली ने टीम से ऊपर खुद को रखा और ओपनिंग न मिलने पर बीच टूर्नामेंट में संन्यास लेने की धमकी दी। बीसीसीआई के साथ पोवार का बतौर अंतरिम कोच करार 30 नवंबर 2018 को समाप्त हुआ।
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इसी दिन बीसीसीआई ने महिला टीम के कोच के आवेदन के लिए विज्ञापन जारी किया। इससे जाहिर हुआ कि मिताली राज द्वारा आलोचना के बाद पोवार से करार नहीं बढ़ाया जाएगा। याद हो कि मिताली को वर्ल्ड टी20 में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया, जिसमें भारत को 8 विकेट की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी।
इस पर बात करते हुए मदन लाल ने कहा कि बेहतर होगा कि आप आवाज उठाने वाले कोच के बजाय पुतला रख लीजिए। उन्होंने कहा कि टीम हित को ध्यान रखते हुए लगातार कोच बदलना सही नहीं है और इससे खराब संकेत जाते हैं। पूर्व भारतीय कोच मदन लाल का मानना है कि लंबे समय तक कोच के रहने से टीम और खिलाड़ियों के साथ अच्छा काम करने का मौका मिलता है।
1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य मदन लाल ने कहा, ‘अगर आप लगातार कोच हटाओगे तो बेहतर होगा कि पुतले रख लें, जो खिलाड़ियों के मुताबिक काम करे। कोच टीम का हिस्सा है और टीम के फायदे को देखते हुए फैसले लेता है। कोच पोवार भी जीत चाहते थे और कप्तान हरमनप्रीत कौर उसका हिस्सा थीं। पोवार को अकेले निशाना क्यों बनाया जा रहा है? चयनकर्ता भी फैसले का हिस्सा थे। पोवार को हटाना गैर जरूरी था। ऐसे तो खेल आगे नहीं बढ़ेगा।’
मिताली राज द्वारा पोवार पर लगाए गए आरोप से मदन लाल संतुष्ट नजर नहीं आए। उन्होंने पुरुष टीम का उदाहरण देते हुए कहा, ‘अगर कल रवि शास्त्री किसी को बाहर बैठाना चाहें तो आप उन्हें भी हटा देंगे? ऐसे काम नहीं चल सकता। कोच पर भी दबाव होता है। दिमाग में प्रदर्शन होता है, आप यूं ही किसी को भी बाहर नहीं बैठा सकते। मेरा प्रदर्शन में विश्वास है इसलिए बोर्ड को विश्लेषण करना चाहिए।’
आरोप और बीसीसीआई को भेजे गए ई-मेल पर मदन लाल ने कहा, ‘कोई खेल से बड़ा नहीं है। क्या इसकी कोई गारंटी है कि अगर मिताली राज खेलती तो टीम इंडिया फाइनल में पहुंचती? यह टीम गेम है न कि व्यक्तिगत। मेरा हमेशा से मानना है कि कप्तान और कोच सर्वोच्च हैं। वह परिस्थिति को देखते हुए फैसला लेते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘एक बार जब हम किसी खिलाड़ी को खेल से बड़ा मानने लगे तो इस तरह के विवाद खड़े होते हैं। यह कोच और कप्तान का फैसला है। कभी मुझे भी लगता है कि अनुभवी मिताली राज को खेलना चाहिए था, लेकिन कोच और कप्तान ने विश्लेषण के आधार पर उन्हें बाहर करने का फैसला लिया होगा। कभी फैसला अच्छा होता है कभी यह भारी पड़ जाता है।’