दस्तक टाइम्स/एजेंसी- छत्तीसगढ़ : कोरबा. आयुर्वेद विभाग में नौकरी दिलाने और बेरोजगारों से ठगी करने के आरोप में पुलिस ने डॉक्टर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें मास्टरमाइंड बाबू, डॉक्टर, चपरासी और एक सहयोगी शामिल हैं। आरोपियों के पास से 17 लाख 36 हजार कैश बरामद किया गया है। पुलिस का दावा है कि लंबे समय से चल रही धांधली में अभी कई नाम सामने आएंगे। आरोपियों पर यौन शोषण तक के आरोप हैं।
एसपी अमरेश मिश्रा ने गुरुवार को मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद विभाग में डॉक्टर व कर्मचारी लंबे समय से नौकरी दिलाने के नाम पर धन उगाही कर रहे थे। इमली डूग्गू के तनुज वैष्णव (23) की शिकायत की जांच कराई गई। इसके बाद जिला आयुर्वेद विभाग के संविदा चिकित्साधिकारी प्रदीप देवांगन (53), बड़े बाबू राजकुमार शर्मा (46), चपरासी विनोद साहू (25) और पवन यादव (25) को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से लिए गए 17 लाख 36 हजार रुपए, फर्जी मार्कशीट, एटीएम, पासबुक और ठगी के पैसे से खरीदे गए जेवर बरामद किए गए हैं।
पुलिस फर्जीवाड़े में सहयोगी गजेंद्र शर्मा को तलाश कर रही है। चारों आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467,468,471,120बी के तहत अपराध दर्ज किया गया है। मामले के खुलासे में रामपुर चौकी प्रभारी रामगोपाल करियारे, सीएसपी एसके पैकरा, कोतवाली टीआई यदुमणी सिदार व टीम ने काम किया।
ठगी के साथ किया फर्जीवाड़ा : पुलिस के अनुसार विभाग में वर्ष 2011 से 2013 के बीच विभाग में 16 से 17 लोगों की भर्ती की गई है। इनमें अधिकांश लोगों की भर्ती फर्जी ढंग से होने की आंशका है। जांच हो रही है। पुलिस भर्ती अवधि के दौरान विभाग में पदस्थ तत्कालीन जिला आयुर्वेद अधिकारी की भूमिका की जांच की बात भी कहर रही है।
बिलासपुर शिक्षा विभाग के लोग भी शामिल
पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि ठगी व फर्जीवाड़े से जुड़े इस मामले में बिलासपुर शिक्षा विभाग के दो अधिकारियों की भूमिका का पता चला है। इसकी जांच की जा रही है। बिलासपुर शिक्षा विभाग के कर्मचारी लक्ष्मण यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उसके पास से कई दस्तावेज भी मिले हैं।
ऐसे हुआ खुलासा
हाउसिंग बोर्ड दादर खुर्द निवासी पवन यादव ने खुद का आयुर्वेद विभाग का कर्मचारी बताते हुए कोतवाली क्षेत्र निवासी तनुज वैष्णव व दो अन्य से नौकरी के लिए 1 लाख 80 हजार लिए थे। पवन ने उनको ज्वाइनिंग लेटर भी दिया था। इसके बाद भी उनको घुमाया जा रहा था। तनुज व उसका साथी खुद ही ज्वाइनिंग के लिए विभाग के कार्यालय पहुंच गए। फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देखकर जिला आयुर्वेद अधिकारी टीआर राठिया ने पुलिस को सूचना दे दी। पवन को उसके ठिकाने से पकड़ने के बाद विभाग के डॉक्टर,बाबू व चपरासी को गिरफ्तार किया गया है।
नौकरी दिलाने के लिए यौन शोषण तक
पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि मास्टर माइंड क्लर्क राजकुमार शर्मा ने नौकरी दिलाने के नाम पर महिलाओं से यौन शोषण तक किया है। ऐसे कई लोग उसके ठगी के शिकार हुए हैं। इसकी विवेचना की जा रही है। साथ ही उसके खिलाफ पुलिस 376 के तहत अपराध दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
सबका काम फिक्स था
1. बाबू राजकुमार शर्मा: इसके पिता कृष्ण कुमार शर्मा आयुर्वेद विभाग में ही पदस्थ थे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उनकी हत्या हो गई थी। पिता की जगह राजकुमार शर्मा को 15 वर्ष पहले अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। प्रारंभ से ही यह कोरबा में ही पदस्थ है। यह फर्जी भर्ती के लिए प्लान बनाकर नियुक्ति आदेश जारी करवाता था, फर्जी सील, पेपर बनवाना, बड़े बाबू बनकर बेरोजगारों से उगाही करता था।
2. डॉ. प्रदीप देवांगन: जिला आयुर्वेद विभाग में यह संविदा चिकित्साधिकारी के पद पर है। इसकी नियुक्ति भी यहां वर्षों से है। फर्जी प्रमाण पत्रों को सत्यापन करने का काम डॉक्टर प्रदीप देवांगन करता था।
3. चपरासी विनोद साहू: पूर्व में भर्ती किए गए कर्मचारियों की नियुक्ति आदेश बाबू से पेन ड्राइव, मोबाइल व अन्य माध्यम से लेने के बाद पवन यादव को उपलब्ध कराता था। बिलासपुर शिक्षा विभाग के कार्यालय जाकर फर्जी कागजात तैयार करता था। आवेदकों से 3 से 6 लाख रुपए की उगाही करता था।
4. पवन यादव: यह विभाग में पदस्थ नहीं है। मामले में सबसे पहले पुलिस के हत्थे चढ़ने वाला पवन यादव आवेदकों की तलाश करता था। उनसे पैसे लेकर विभाग के लोगों को उपलब्ध करता था। इस काम में विभाग के बाहर का गजेंद्र शर्मा नामक युवक भी शामिल था, वह अभी फरार है।
पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि ठगी व फर्जीवाड़े से जुड़े इस मामले में बिलासपुर शिक्षा विभाग के दो अधिकारियों की भूमिका का पता चला है। इसकी जांच की जा रही है। बिलासपुर शिक्षा विभाग के कर्मचारी लक्ष्मण यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उसके पास से कई दस्तावेज भी मिले हैं।
हाउसिंग बोर्ड दादर खुर्द निवासी पवन यादव ने खुद का आयुर्वेद विभाग का कर्मचारी बताते हुए कोतवाली क्षेत्र निवासी तनुज वैष्णव व दो अन्य से नौकरी के लिए 1 लाख 80 हजार लिए थे। पवन ने उनको ज्वाइनिंग लेटर भी दिया था। इसके बाद भी उनको घुमाया जा रहा था। तनुज व उसका साथी खुद ही ज्वाइनिंग के लिए विभाग के कार्यालय पहुंच गए। फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देखकर जिला आयुर्वेद अधिकारी टीआर राठिया ने पुलिस को सूचना दे दी। पवन को उसके ठिकाने से पकड़ने के बाद विभाग के डॉक्टर,बाबू व चपरासी को गिरफ्तार किया गया है।
नौकरी दिलाने के लिए यौन शोषण तक
पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि मास्टर माइंड क्लर्क राजकुमार शर्मा ने नौकरी दिलाने के नाम पर महिलाओं से यौन शोषण तक किया है। ऐसे कई लोग उसके ठगी के शिकार हुए हैं। इसकी विवेचना की जा रही है। साथ ही उसके खिलाफ पुलिस 376 के तहत अपराध दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
सबका काम फिक्स था
1. बाबू राजकुमार शर्मा: इसके पिता कृष्ण कुमार शर्मा आयुर्वेद विभाग में ही पदस्थ थे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उनकी हत्या हो गई थी। पिता की जगह राजकुमार शर्मा को 15 वर्ष पहले अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। प्रारंभ से ही यह कोरबा में ही पदस्थ है। यह फर्जी भर्ती के लिए प्लान बनाकर नियुक्ति आदेश जारी करवाता था, फर्जी सील, पेपर बनवाना, बड़े बाबू बनकर बेरोजगारों से उगाही करता था।