कोरोनावायरस से लड़ने के लिए आपके शरीर को चाहिए ये विटामिन, करें अपने आहार में शामिल
देशभर में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 80 के करीब नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं। रविवार सुबह तक पूरे देश भर में COVID-19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या 333 हो गई है। पूरी दुनिया में इस खतरनाक वायरस की वजह से 12,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और तकरीबन 2.5 लाख लोग इस बीमारी की चपेट आ चुके है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कमजोर इम्यूनिटी के लोग इस वायरस का जल्दी शिकार होते हैं।
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इंसान के इम्यून सिस्टम का बेहतर होना बेहद जरूरी है। बुजुर्ग लोगों का इम्यून सिस्टम खराब होने की वजह से ये वायरस उन्हें जल्दी अपनी चपेट में ले रहा है। अब तक हुई मौतों में बुजुर्गों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए तीन तरह विटामिन आपके शरीर को जरुरी रहते है।
विटामिन-सी
विटामिन-सी शरीर की मूलभूत रासायनिक क्रियाओं में यौगिकों का निर्माण और उन्हें सहयोग करता है। शरीर में विटामिन सी कई तरह की रासायनिक क्रियाओं में सहायक होता है जैसे कि तंत्रिकाओं तक संदेश पहुंचाना या कोशिकाओं तक ऊर्जा प्रवाहित करना आदि। इसके अलावा, हड्डियों को जोड़ने वाला कोलाजेन नामक पदार्थ, रक्त वाहिकाएं, लाइगामेंट्स, कार्टिलेज आदि अंगों को भी अपने निर्माण के लिए विटामिन सी वांछित होता है। यही विटामिन कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है। इसके अलावा लौह तत्वों को भी विटामिन सी के माध्यम से ही आधार मिलता है। यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है। ये शरीर की कोशिकाओं को बांध के रखता है। इससे शरीर के विभिन्न अंग को आकार बनाने में मदद मिलती है। यह शरीर की रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाने में सहायक होता है। इसके एंटीहिस्टामीन गुणवत्ता के कारण, यह सामान्य सर्दी-जुकाम में औषधि रूप में कां करता है। विटामिन सी के लिए कुछ चीजों को डाइट में शामिल करना जरूरी है।
संतरा, मौसमी, किन्नू, स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च, पालक और ब्रॉकली में काफी मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। आपको अपनी डेली डाइट में इन चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए। ड्रैगन फ्रूट में भी काफी ज्यादा मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है।
विटामिन बी-6
बॉडी इम्यून सिस्टम को बेहतर करने के लिए विटामिन बी-6 को भी जरूरी बताया गया है। विटामिन बी-6 की कमी होने पर जरा-सा काम करने पर थकावट महसूस होने लगती है। सारा दिन सुस्ती पड़ी रहती है। विटामिन बी-6 में मौजूद कई प्रकार के बायोकैमिकल रिएक्शंस इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं। यह विटामिन पानी में घुलनशील होने के कारण हार्ट, स्किन और नर्वस सिस्टम से जुड़े कई रोगों के लिए फायदेमंद है। यह शरीर में हार्मोन्स कंट्रोल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
अगर आप वेजिटेरियन है तो इसके सबसे अच्छे स्त्रोत साबुत अनाज जैसे गेंहू, बाजरा, जौ, मक्का, मटर, ग्रीन बीन्स, अखरोट आदि हैं। इसके अलावा केले, बंद गोभी, सोया बीन्स, गाजर और हरी सब्जियों को भी अपनी डाइट में ले सकते हैं। नॉन-वेज खाने वाले मछली, अंडे, चिकन, मटन आदि का सेवन करें।
विटामिन बी-6 के लिए आप चिकन, अंडा और सालमन फिश के अलावा कई तरह के मांस में यह पाया जाता है। इसके अलावा ठंडा पानी भी विटामिन बी-6 का अच्छा स्रोत माना जाता है।
विटामिन ई
विटामिन ई यौगिकों के एक समूह का द्योतक है जिसमें टोकोफेरॉल और टोकोट्रॉयनॉल दोनों निहित हैं। यह खून में रेड बल्ड सेल या लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) को बनाने के काम आता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांस-पेशियां व अन्य कोशिकाएँ। यह शरीर को ऑक्सीजन के एक नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ऑक्सीजन रेडिकल्स (oxygen radicals) कहते हैं। इस गुण को एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) कहा जाता है। विटामिन ई, सेल के अस्तित्व बनाय रखने के लिये, उनके बाहरी कवच या सेल मेमब्रेन को बनाए रखता है। विटामिन ई, शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को इंफेक्शन से लड़ने की ताकत देते हैं।
अखरोट, बादाम और पालक के अलावा कई तरह के बीजों के माध्यम से शरीर में इसकी पूर्ति की जा सकती है। ब्रॉकली में भी विटामिन ई पाया जाता है।