कोरोना के डर से 28 साल बाद पंजाब लौटे शख्स को सीबीआई ने दबोचा
चंडीगढ़ : धोखाधड़ी मामले से बचने के लिए पटियाला का रहने वाला निर्मल सिंह धोखे पर धोखा करता गया। पहले अपना डेथ सर्टिफिकेट बना सीबीआई को गुमराह किया। फिर नाम बदल कर अमेरिका चला गया और तकनीक के मामले में दुनिया में नंबर वन अमेरिका भी धोखा खा गया। इसने अमेरिका की सिटिजनशिप भी ले ली। अब 28 साल बाद कोरोना से खौफ खा भारत आया तो सीबीआई ने उसे धर दबोचा।
पटियाला में पंजाबी बाग स्थित कोठी पर दबिश दे सीबीआई की टीम ने शनिवार को 65 वर्षीय निर्मल सिंह को गिरफ्तार किया। आरोपित निर्मल एनएस बाठ के नाम से रह रहा था। उसकी पत्नी पीएस बाठ पर भी केस दर्ज किया है। उसने उसके छिपने में मदद की है। सीबीआई के अनुसार 1985 में निर्मल सिंह ने ढाई लाख की ठगी की थी। मामला हाईप्रोफाइल होने के बाद जांच सीबीआइ को सौंपी गई।
1990 में सीबीआइ ने केस दर्ज किया तो 1991 में निर्मल सिंह के परिवार ने उसे मृत दिखा दिया। यही नहीं एक व्यक्ति के शव को निर्मल का बता संस्कार भी कर दिया था और डेथ सर्टिफिकेट भी जारी करवा लिया। इसके बाद एनएस बाठ के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवा निर्मल अमेरिका भाग गया। कोरोना से डरकर वह दो माह पहले ही अमेरिका से लौटा था। उसके अमेरिका से लौटने और पूरे फर्जीवाडा के बारे में सीबीआई को जानकारी मिल गई। इसके बाद सीबीआई की टीम उसे पकड़ने पहुंच गई। अपनी पोलपट्टी खुलने पर वह दहशत के मारे बेहोश हो गया। उसकी पत्नी को भी हिरासत में ले लिया गया। सीबीआई के सब इंस्पेक्टर विकास कुमार ने बताया कि एंबुलेंस से पति-पत्नी दोनों को चंडीगढ़ ले जाया गया है, जहां मेडिकल करवाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
निर्मल सिंह की पत्नी ने एक यूट्यूब चैनल खोल रखा था, जिसे कुछ महीने पहले ही उसने एक दूसरे व्यक्ति को सौंप दिया था। इसके बाद दोनों में विवाद हो गया था, जिसकी शिकायत सिविल लाइन थाना में भी दर्ज करवाई गई थी। दोनों में झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि निर्मल सिंह के इस फर्जीवाड़े की सूचना सीबीआई तक भी पहुंच गई और टीम ने शनिवार को उसे पकड़ लिया। वहीं इसकी भी जांच की जा रही है कि तब मरने वाला व्यक्ति कौन था। क्या उसकी हत्या तो नहीं की गई थी। ठगी किससे व किस मामले में की थी, इस बारे में टीम कुछ भी बचाने से बचती रही। गौरतलब है कि ढाई लाख की ठगी का मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है।