अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना के बारे में सबसे पहले जानकारी देने वाली डॉक्टर महीनों से लापता, इंटरव्यू भी हुआ डिलीट

बीजिंग: कोरोना वायरस दुनिया के लिए अभिशाप बन गया है. इससे विश्वभर में करीब 60 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन इस महामारी को जन्म देने वाला चीन अभी भी इसकी सच्चाई दुनिया के सामने लाने से कतरा रहा है. अब खबर आ रही है कि कोरोना वायरस के बारे में सबसे पहले जानकारी देने वाली चीनी डॉक्टर एई फेन (Ai Fen) गायब हैं. डॉक्टर ऐ फेन वुहान के केंद्रीय अस्पताल के आपातकालीन विभाग की निदेशक हैं जहां कोरोनो का पहला मामला सामने आया था.

राज्य द्वारा संचालित एक मैगजीन को इंटरव्यू देने के बाद से वह लापता हैं. वह इंटरव्यू भी डिलीट हो चुका है. इंटरव्यू में उन्होंने विस्तार से बताया था कि कैसे चीनी अधिकारियों ने घातक कोरोना वायरस के बारे में जानकारी छुपाने की कोशिश की थी. ये महामारी अब 180 देशों में फैल चुकी है.

बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस को लेकर चीन दुनिया से काफी कुछ छुपा रहा है और यह इंटरव्यू उसका सबूत है. डॉक्टर फेन ने अपने इंटरव्यू में विस्तार से बताया था कि चीन को दिसंबर 2019 में ही इस बीमारी के बारे में पता चल गया था लेकिन इसकी रोकथाम के लिए कुछ नहीं किया गया.

इंटरव्यू के अनुसार, डॉ. एई फेन अपने अस्पताल में थीं, जब पहला कोरोना का मरीज आया. यह एक ऐसी बीमारी थी, जिसे पहले किसी अन्य डॉक्टर ने नहीं देखा था.

उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि मरीज में फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे थे. लेकिन उस पर उपचार के सामान्य तरीके काम नहीं कर रहे थे.

उन्होंने मरीज के कुछ टेस्ट करवाए जिसमें पता चला कि उसे “सार्स कोरोनवायरस” था. इंटरव्यू में फेन ने कहा कि उन्होंने पुष्टि करने के लिए कई बार मरीज की रिपोर्ट पढ़ी लेकिन निष्कर्ष वही था, कोरोना वायरस.

उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने रिपोर्ट की फोटो ली और एक दोस्त को भेजा. इसके बाद वह रिपोर्ट पूरे चीन में फैल गई. इसके बाद चीनी अधिकारी पूरे मामले को दबाने में लग गए यहां तक कि फेन को पुलिस की तरफ से वॉर्निंग भी दी गई थी. वुहान के अस्पताल ने भी फेन के दावों की पड़ताल करने की बजाय इसे छुपाने में चीन का साथ दिया. अब किसी को नहीं पता कि डॉक्टर एई फेन कहां हैं. उनका ओरिजनल इंटरव्यू भी डिलीट हो चुका है.

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