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कोरोना वायरस से अपने लोगों को बचाने के लिए इमरान खान के पास नहीं हैं पैसे

पाकिस्‍तान लगातार कोरोना वायरस की चपेट में आ रहा है। वर्तमान में वहां पर 301 मामलों की पुष्टि की गई है। इसमें सबसे अधिक सिंध से आए हैं जहां इसके मरीजों की संख्‍या 208 हो गई है। इसके अलावा पंजाब में 33, खैबर पख्‍तूनख्‍वां में 19, बलूचिस्‍तान में 23, इस्‍लामाबाद में 2 और गुलाम कश्‍मीर में भी 16 है। पाकिस्‍तान में इससे एक इंसान की मौत भी हो गई है,लेकिन इनको बचाने के लिए पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के पास न तो पैसे हैं और न ही जरूरी इक्वीपमेंट्स। आपको सुनने में भले ही ये अजीब लगे, लेकिन सच यही है।

ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि ऐसा खुद इमरान खान के बयानों से स्‍पष्‍ट हो रहा है। दरअसल, उन्‍होंने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर ये गुजारिश भी की कि गरीब देशों के ऋण को माफ कर दिया जाए और उन्‍हें रियायत दी जाए। इसके अलावा मंगलवार को जब उन्‍होंने टीवी पर देश के नाम अपना संबोधन दिया था तब भी उन्‍होंने ये बात बेहद साफ कर दी थी कि पाकिस्‍तान बेहद गरीब मुल्‍क है। लिहाजा यहां पर दूसरे देशों की तरह हर चीज पर तालाबंदी या नेशनल शटडाऊन नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा किया गया तो लोग भूखे मरने लगेंगे। इससे भी पहले पाकिस्‍तान में इस वायरस से निपटने के लिए जरूरी चीजों की कमी की भी बात सामने आई थी।

जिस तरह से टीवी पर उन्‍होंने अपनी बात रखी उससे ये भी साफ हो गया कि वहां पर हालात काफी खराब होने वाले हैं। हालांकि, इसके लिए जिम्‍मेदार और कोई नहीं, बल्कि वे खुद ही हैं। आपको बता दें कि अपनी गरीबी का दुखड़ा रोने वाले इमरान खान ने फरवरी माह में चीन को कोरोना से बचाव के लिए मास्‍क समेत दूसरी जरूरी चीजों की जबरदस्‍त सप्‍लाई की थी। ऐसा दावा चीन के अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स ने किया है।

चीन के अखबार ने इसे सकारात्‍मक तरीके से पेश करते हुए इसको दोनों देशों के बीच अच्‍छी दोस्‍ती करार दिया है,लेकिन यहां पर सवाल ये है कि जब कोरोना वायरस पूरी दुनिया में पांव पसार चुका था उस वक्‍त पाकिस्‍तान ने अपने यहां के हालातों पर आंखें बंद कर ली थीं। अब जबकि वहां पर लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं तो उन्‍हें अपनी गरीबी याद आ रही है।

अब जबकि पाकिस्‍तान में हालात खराब हो रहे है तो इमरान खान अपने लोगों को सिर्फ झूठा भरोसा ही देने में लगे है। इसी सप्‍ताह के शुरुआत में उन्‍होंने टीवी पर आने से पहले दो ट्वीट कर कहा था कि वो कोरोना वायरस से बचाव के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा कर रहे हैं, लेकिन जहां पर पहले से ही सेनिटाइजर और मास्‍क की कमी चल रही हो वहां पर ये कदम महज खोखले दावे ही कहे जा सकते हैं।

यहां पर लगातार बढ़ते मरीज इस वायरस के बढ़ते प्रकोप की चिंता मंगलवार को पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन में साफ दिखाई दी थी, लेकिन उनका ये संबोधन इस चिंता को और अधिक इसलिए भी बढ़ा गया, क्‍योंकि इसमें उन्‍होंने साफ कहा कि यदि पाकिस्‍तान में सब तरह से शटडाउन किया गया तो यहां के लोग भूखे मरने लगेंगे।

इतना ही नहीं अब उन्‍हें ये भी लग रहा है कि अपने अंतरराष्‍ट्रीय ऋण को माफ या उस पर रियायत करवाने का यही सबसे अच्‍छा मौका भी है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति बुधवार को चीन की दो दिवसीय यात्रा से वापस आए हैं। हालांकि, उन्‍हें वहां से पाकिस्‍तान के लिए कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वादे से ज्‍यादा कुछ नहीं मिला। इसके बावजूद भी पाकिस्‍तान चीन की तरफ टकटकी लगाए देख रहा है। उसको लगता है कि चीन से उसको कोरोना वायरस से लड़ने की मदद मिलेगी और सबकुछ ठीक हो जाएगा। इसी सोच के चलते इमरान खान सार्क देशों की उस चर्चा में शामिल नहीं हुए थे, जिसकी पहल भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक कोरोना वायरस की चपेट में अब दुनिया के 166 देश आ चुके हैं। इसकी वजह से पूरी दुनिया में 8657 मौत हो चुकी हैं ,जबकि 207860 मामले अब तक सामने आ चुके हैं।

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