क्या अब पूरी तरह से युवाओं की पहली डेट फ़िल्मी हो चुकी है
फ़िल्में हमारे समाज का आईना होती हैं. हम जो कुछ भी उसमें देखते हैं, अपनी असल जिंदगी में उसे अपनाने की कोशिश करते हैं. फिल्मों से बहुत कुछ अच्छा तो बुरा भी होता है. कई बार लोग फ़िल्में देखकर चोरी जैसे कारनामे कर जाते हैं तो कई बार फिल्मों से सीख लेकर लोग दूसरों के लिए अपना ऐशो-आराम छोड़ देते हैं, लेकिन फिल्मों से युवा पीढ़ी अक्सर डेटिंग के गुण सीखती है.
फिल्मों में जिस तरह से हीरो हीरोइन को पटाने का तरीका अपनाता है, आजकल के लड़के भी बिलकुल वैसा ही करने की कोशिश करते हैं. इतना ही नहीं, लड़कियां भी ठीक हीरोइनों की तरह ही ड्रेसिंग करके लड़कों के आगे नखरे दिखाती हैं. इसका मतलब ये हुआ कि लड़के और लड़कियां दोनों ही फिल्मों के ज़रिए एक-दूसरे के करीब आते हैं. युवाओं की पहली डेट फिल्मी हो चुकी है.
पिछले कुछ सालों से इस बात को महसूस किया गया है कि जब भी कोई लड़का या लड़की एक दूसरे से पहली बार मिलते हैं तो वो पूरी कोशिश करते हैं कि उनका अंदाज़ फ़िल्मी हो. इतना फ़िल्मी की दोनों एक-दूसरे को पसंद कर लें. एक दूसरे के लिए समय बिताते हुए भी वो रियल नहीं रह पातें. दोनों ही वही करते हैं जो फिल्मों में देखते हैं.
अपनी पहली डेट को ख़ास बनाने के लिए लड़का और लड़की दोनों ही फिल्मों के हीरो हीरोइन की तरह सबसे पहले ड्रेस का सिलेक्शन करते हैं. उसके बाद वो कोशिश करते हैं कि उसी तरह की जगह का चुनाव करें और बाद में आर्डर देते हुए उसी तरह के दिशेस का आर्डर देते हैं. अपनी पहली डेट को पूरी तरह से फ़िल्मी बनाने के लिए आजकल के लड़के लड़कियों को एल्कोहल भी ऑफर करते हैं और हैरानी की बात तो ये है कि लड़कियां उसे एक्सेप्ट करती हैं.
युवाओं की पहली डेट
कुल मिलाकर देखें तो आज लड़के और लड़कियां दोनों ही अपनी मर्ज़ी से अपना पार्टनर चुनती हैं और पूरी तरह से फ़िल्मी होकर अपनी पहली डेट को एन्जॉय करती हैं.