क्यों कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो 18 मई को मांगेंगे सिखों से माफी?
एजेन्सी/ ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो ने कहा है कि वह 1914 में देश में सिखों के प्रवेश की अनुमति न देने के सरकार के फैसले के लिए माफी मांगेंगे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, टड्रो ने कहा कि एक राष्ट्र के नाते हमें कभी भी उस दिन कनाडा सरकार के हाथों हुई गलतियों के कारण सिख समुदाय द्वारा भुगती गई परेशानियों को नहीं भूलना चाहिए। टड्रो ने कहा, ‘इसलिए, अगले माह 18 मई को मैं ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में खड़े होकर पूर्ण रूप से कामागाटा मारू घटना के लिए माफी मागूंगा।’
1914 की है कामागाटा मारू जहाज की यह घटना…
गौरतलब है कि कामागाटा मारू जहाज की यह घटना 1914 की है। कामागाटा मारू जहाज में उस वक्त पंजाब से 376 लोग सवार थे, जिनमें अधिकतर सिख थे। यह जहाज 23 मई, 2014 को वैंकुवर बंदरगाह पहुंचा था। कनाडा सरकार ने उस वक्त जहाज के यात्रियों उतरने की अनुमति नहीं दी और कोमागाटा मारू दो महीने तक बंदरगाह में खड़ा रह गया था।
क्या बोले कनाडा के रक्षामंत्री…
इसके बाद 23 जुलाई, 1914 को कनाडा की एक जहाज ने अपनी सुरक्षा में लिया और उसे भारत की ओर लौटा दिया, जहां 20 लोगों की उस समय मौत हो गई, जब यात्रियों ने जहाज से उतरने की कोशिश की। बाकी लोगों को जेल में डाल दिया गया। कनाडा के रक्षामंत्री हरजीत सज्जन ने कहा कि वह टड्रो द्वारा औपचारिक माफी मांगने की प्रतिबद्धता से काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं।