हजार सालों से मिडिल ईस्ट और इंडस वैली में खजूर का इस्तेमाल किया जाता रहा है। पुरातात्विक साक्ष्यों के अनुसार, खजूर की पूर्वी अरब में 5530 और 5320 बीसी से खेती की जाती रही है। मिस्र के लोग खजूर का इस्तेमाल वाइन बनाने में भी करते थे। विटमिन ए, बी और डी होने की वजह से इसे ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है।
खजूर चार चरणों में पकता है, जिन्हें अरबी में किमरी, खलल, रुत्ब, ताम्र नाम से जाना जाता है।
इस्लामिक संस्कृति में खजूर रमदान में इफ्तार के लिए पारंपरिक भोजन के रूप में शामिल होता है।
घुलनशील और अघुलनशील फाइबर होने के कारण खजूर पाचन तंत्र को भी स्वस्थ करने में मदद करता है।
एक कप खजूर 400 कैलोरी के बराबर होता है। जो दैनिक आहार में जरूरी है।