देहरादून: उत्तराखंड के सस्ता खाद्यान्न योजना में एसआईटी की प्रारंभिक जांच में करीब 600 करोड़ का घोटाला सामने आने से उत्तराखंड मे सार्वजानिक वितरण प्रणाली सवालों के घेरे में है। इस घोटाले में कई स्तर पर गंभीर अनियमितताओं के इस मामले में आरएफसी कुमाऊं विष्णु सिंह धानिक का सेवा विस्तार रोक दिया है जिसे सरकार बर्खास्त करने की कार्रवाई कह रही है। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने जांच रिपोर्ट के हर बिंदु की गहराई से जांच के निर्देश प्रमुख सचिव खाद्य व नागरिक आपूर्ति को दिए हैं।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से पहाड़ में भेजे जाने वाले सस्ता खाद्यान्न में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर सरकार ने 2 अगस्त, 2017 को एसआईटी से जांच के निर्देश दिए थे। इस पर 4 अगस्त को योजना के तहत चावल मिलर्स से क्रय किए गए चावल वितरण में हुई अनियमितताएं की जांच के लिए जिलाधिकारी उधमसिंह नगर की अध्यक्षता में एसआईटी गठित हुई। जिसमें ऊधमसिंहनगर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) जगदीश चंद्र कांडपाल, अपर पुलिस अधीक्षक रुद्रपुर देवेंद्र पिंचा, एसडीएम काशीपुर विनीत तोमर व प्रभारी अधिकारी संयुक्त कार्यालय कलेक्ट्रेट काशीपुर युक्ता मिश्र को शामिल थे।
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