पेट्रोल पंप के पास खड़े प्रीतपाल और उनकी बेटी।
- आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से हताश होकर दी जान
- घटना से पहले दोनों 15 मिनट तक फाटक के पास पेट्रोल पंप के पास खड़े थे
जुगसलाई फाटक पर बुधवार की शाम 7.15 बजे दर्दनाक घटना हुई। संपत्ति विवाद में पहले बेटी बलजीत सैनी (21) मालगाड़ी के आगे कूदी फिर हिम्मत जुटाकर पिता टाटा स्टील कर्मी प्रीतपाल सिंह सैनी (45) ने भी ट्रेन से कट जान दे दी। उनका जुगसलाई साहू होटल के पास पैतृक घर है, लेकिन बिष्टुपुर में सांसद आवास के बगल में टाटा स्टील के क्वार्टर में रहते थे। सबसे पहले दौड़कर बेटी फाटक के बीच में खड़ी हो गई। उसने चिल्लाकर पिता को पुकारा, कहा- डैडी तुसी वी आ जाओ, रेल गड्डी आ गई..।
घटना से पहले दोनों 15 मिनट तक फाटक के पास पेट्रोल पंप के पास खड़े थे। ट्रेन का हॉर्न सुन सुसाइड नोट पंप के कर्मचारियों के पास फेंककर दोनों फाटक की ओर भागे और ट्रेन के आगे कूद गए। पूरी घटना की तस्वीर पंप के सीसीटीवी कैमरे में कैद है। इधर, सुसाइड नोट में मृतक ने अपने दोनों भाई बिष्टुपुर गंगोत्री अपार्टमेंट निवासी परमजीत सिंह सैनी और हरजीत सिंह सैनी, दोनों की पत्नी और परिवार के अन्य लोगों पर प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की बात लिखी है। नोट के साथ आरोपी की फोटो भी है। घटना के बाद पुलिस पहुंची। सुसाइड नोट जब्त कर जांच शुरू किया।
प्रत्यक्षदर्शी… बेटी के कूदने के बाद पिता चलती मालगाड़ी के नीचे घुसा
प्रत्यक्षदर्शी पंप के कर्मचारी आदित्य ने कहा- व्यक्ति पहले हिम्मत नहीं जुटा पाया। बेटी के इंजन से टकराने के बाद वो दौड़कर गया और मालगाड़ी के नीचे घुस गया। युवती को मालगाड़ी के सामने खड़ा देख फाटक बंद होने से वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाया, लेकिन युवती ने किसी की न सुनी। वहां कुछ लोगों ने फाटक में बढ़ी सुसाइड की घटना के विरोध में हंगामा भी किया, जिसे पुलिस ने समझाकर शांत कराया।
परमजीत पर मृतक की पत्नी से दुष्कर्म का दर्ज था मामला
मृतक प्रीतपाल सिंह का उसके भाईयों के साथ जुगसलाई के पैतृक मकान को लेकर विवाद था। मृतक की पत्नी ने परमजीत सिंह पर 16 दिसंबर को बिष्टुपुर थाना में दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। वारंट निकलने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। प्रीतपाल के घर में अब उसकी पत्नी और छोटी बेटी बचे हैं।
सुसाइड नोट… मैं यह कदम परमजीत सिंह सैनी और उसके परिवार वालों के कारण उठा रहा हूं
मैं प्रीतपाल सिंह यह कदम मजबूरी में परमजीत सिंह सैनी, जसबीर कौर, उसके परिवार और रजिंदर सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ हरजीत सिंह, उसकी पत्नी के चलते उठा रहा हूं। 220/ 2020 केस को उठा लेने का दबाव हम पर हमेशा बनाया जा रहा था। नहीं मानने पर पैसे का प्रलोभन दिया जाने लगा। इन सभी के द्वारा बड़े-बड़े नेता के नाम पर भी दबाव बनाया जाने लगा। मुझे गुंडों का भी डर दिलाया गया। इनकी साजिश थी कि मेरा पूरा परिवार मर जाए। जसबीर कौर ने हम लोगों का जीना हराम कर रखा था। जसबीर ने मेरे पिता पर भी दबाव बनाया। डिस्पेंसरी में पिताजी के कंधे से धक्का मारा और बयान को चेंज करने का दबाव बनाया। इसी प्रकार बहुत बार हमें तंग किया जाता रहा। 25 जून 2021 को साढ़े नौ बजे राजेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ हरजीत सिंह और उसकी पत्नी हरजीत कौर, मामी, संतोष कई लोग आईए। हमारे मना करने पर भी राजेंद्र और उसकी पत्नी जबरदस्ती पीड़िता के घर घुस कर हंगामा किया। पीड़िता के आदमी को हेलमेट से धक्का दिया और पिताजी को भी चोट आई। रोड पर खड़े होकरगालियां दी। दिसंबर 2020 में परमजीत सिंह का कोर्ट से वारंट होने के बाद भी पुलिस उसको गिरफ्तार नहीं कर रही है। परमजीत सिंह सैनी पैसे और पैरवी के बल पर गिरफ्तार नहीं हुआ है।