पीड़िता अंदर ही अंदर घुटती और तड़पती रही, लेकिन दबंगई के बल पर उसकी इज्जत को कुचला जाता रहा। मूक बधिर होने के कारण यातनाओं की दास्तां उसके हलक में फंसी रही। पीड़िता ने सांकेतिक भाषा में शनिवार को दोषियों की सारी करतूत की कलई खोल दी।
नारी निकेतन में संवासिनी के शारीरिक शोषण की आशंका सही साबित हुई। यह बात अलग है कि गर्भपात की वजह से एक ही मामला पकड़ में आ सका है।
शनिवार तक यही माना जा रहा था कि दरिंदा एक होगा। उसी हिसाब से पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही थी। लेकिन रविवार को आए नए तथ्यों ने पुलिस को भी सकते में डाल दिया है।
इशारों में खोली करतूत
संवासिनी ने साथी मूक बधिर संवासिनियों को इशारों में अपना दर्द बताया भी, लेकिन पिटाई का डर दिखाकर उसका मुंह बंद करा दिया गया। गर्भपात के बाद मचे बवाल के बाद उस पर अत्याचार हुए। पुलिस अभिरक्षा में मिले अपनत्व का माहौल मिला तो संवासिनी ने सांकेतिक भाषा में रेप और गर्भपात की कलई खोल दी।
आरोपियों का डीएनए सैंपल
कई वहशियों द्वारा मुंह काला किए जाने के कारण पुलिस अब तमाम आरोपियों के सैंपल लेकर डीएनए मिलान की तैयारी में है। पहले पुलिस आरोपी होमगार्ड और सफाई कर्मचारी का ही सैंपल डीएनए मिलान के लिए भेजना चाहती थी। लेकिन ऐसे में यदि पाप किसी तीसरे का हुआ तो केस पर असर पड़ सकता था। भ्रूण का सैंपल पहले भी एफएसएल के पास सुरक्षित हैं।