खुला गया राज! …तो इसलिए नहीं होते सांपों के पैर
लंदन: लोगों के दिमाग में अक्सर यह सवाल उठता है कि सांप के पैर क्यूं नहीं होते लेकिन किसी को इस सवाल का जवाब नहीं मालूम। सांप जीवाश्म के नए अध्ययन ने इस सवाल का जवाब दिया है। वैज्ञानिकों को 90 लाख साल पुराने सांप के अवशेष से उनके विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। वैज्ञानिकों ने आधुनिक सांपों और अवशेष के सीटी स्कैन का तुलनात्मक अध्ययन किया। इससे पता चला कि वर्तमान में सांपों के पैर न होने के पीछे उनके पूर्वज जिम्मेदार हैं।
वैज्ञानिकों ने 3 मीटर लंबी क्रेटेशियस सांपों की विलुप्त प्रजाति डिनिलिसया पैटागोनिका के कान की भीतरी हड्डी का सीटी स्कैन से परीक्षण किया। इससे पता चला कि आधुनिक सांपों के समान डिनिलिसया पैटागोनिका की गुहा (कैविटी) और नली (कैनाल) सांपों की सुनने की शक्ति को नियंत्रित करती थी। वैज्ञानिकों ने एक 3डी मॉडल की सहायता से जीवाश्म के कानों के अंदरूनी अंगों की तुलना आधुनिक सांपों के अंगों के साथ की।
इसके बाद इन्होंने अवशेष के कान में एक विशेष संरचना को पाया जो इन्हें शिकार और शिकारियों का पता लगाने में मदद करती थी। यह संरचना पानी और जमीन में रहने वाले आधुनिक सांपों में मौजूद नहीं है। इन निष्कर्षो से वैज्ञानिकों को सांपों के विकास संबंधी जानकारी मिली और साथ ही इस बात की पुष्टि भी हो गई कि डिनिलिसया पैटागोनिका ही बिलों में रहने वाला सबसे लंबा सांप था। यह अध्ययन ‘साइंस एडवांसेज’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है।