खुशखबरी- हेडमास्टर बनने के लिए नहीं पास करना होगा टीईटी
एजेंसी/ लखनऊ। सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापक बनने के लिए टीईटी की अर्हता को खत्म कर दिया गया है। कोर्ट ने इसके विरोध में दायर याचिका खारिज करते हुए सरकार की संस्तुति को स्वीकृति दे दी है। कोर्ट ने उस याचिका को खारिज करते हुए प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को बड़ी राहत दी है।
उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल (जूनियर हाईस्कूल) नियुक्ति एवं अध्यापक की सेवाशर्त नियमावली 1978 के अनुसार सहायक टीचर बनने के लिए टीईटी की आवश्तकता है। लेकिन इससे इतर स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को हेडमास्टर बनाने के लिए टीईटी की अर्हता नहीं होगी। कोर्ट में यह याचिका विनोद कुमार शुक्ला नने याचिका दायर की थी जिसपर न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है। हेडमास्टर बनने के लिए पांच साल तक सहायक शिक्षक का अनुभव होना आवश्यक है। ऐसे में अब हेडमास्टर बनने के लिए शिक्षकों को टीईटी पास करना जरूरी नहीं होगा और उन्हें प्रधानाध्यापक बनाया जा सकता है।