अद्धयात्मउत्तर प्रदेशराज्यलखनऊ

गंगा दशहरा : गंगा को निर्मल बनाने का देता है संदेश

लखनऊ : सनातन धर्म में गंगा दशहरा पर गंगा में स्नान के बाद दान का विशेष महत्व है। देश में गंगा के प्रति लोगों की इतनी आस्था है कि प्रत्येक भारतीय जीवन में एक बार गंगा स्नान की अभिलाषा अपने मन में रखता है। गौरतलब है कि देश में गंगा दशहरा मनाया जा रहा है। ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं।

लखनऊ के पूर्व सरकारी बैंक कर्मचारी विनोद मिश्र ने कहा कि जब देश में फैक्ट्रियां व विकसित होने के संसाधन नहीं थे तब तक गंगा निर्मल और स्वच्छ थी, लेकिन जैसे हम लोग जैसे-जैसे आधुनिक होते जा रहे हैं नदियां खत्म हो रही हैं। श्री मिश्र ने कहा कि सिर्फ गंगा ही नहीं अपितु देश की सभी नदियां गंदगी से पटी पड़ी हैं, जिनका संज्ञान सरकार और जनता दोनों को लेना चा​हिए। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि आस्था होने के बाद भी लोग जाने अनजाने गंगा को दूषित कर रहे हैं। देश में गंगा के प्रति लोगों की आस्था तो है लेकिन कुछ लोग गंगा को गंदी भी खूब कर रहे हैं। देशवासियों को यह स्वीकार करना ही पड़ेगा कि गंगा को दूषित करने में कुछ लोगों का अहम योगदान है। ऐसे लोग जो फैक्ट्री, नालों आदि का प्रदूषित कचरा गंगा में प्रवाहित करते हैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि गंगा दशहरा के दिन कई घरों में द्वार पत्र चिपकाये जाते हैं, जिस पर निम्न मंत्र अंकित होता है-
अगस्तश्च पुलुस्तश्च वैशेम्पायनमेव च जैमिनिश्च सुमंतश्च पंचैते वज्रवारक:।। मुने कल्याण मित्रस्य जैमिनिश्चनु कीर्तनात। विद्युदग्नि भयं नास्ति लिखिचेत गृहोदरे। यत्रानुपायी भगवान हृदयास्ते हररीश्वररू, भंगोभवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा:।। श्री दश पाप हरायै गंगा देव्यै नम:।।

आज गंगा दशहरा पर इन 5 शुभ मुहूर्तों में करें पूजा, जीवन में आएगी सुख समृद्धि

Related Articles

Back to top button