लखनऊ। गंगा सफाई परियोजना के तहत गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी तक गंगा नदी के जल को निर्मल बनाने के लिए देशभर में केंद्र सरकार 94 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस परियोजना के केंद्र उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी स्थापना किए जाएंगे। एक विज्ञप्ति के मुताबिक, गंगा के पानी को दिल्ली बैठे ही जांचने के लिए नई योजना बनाई गई है। यह पहल प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही श्गंगा बचाओश् अभियान का ही एक हिस्सा है। पर्यावरण मंत्रालय ने इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। योजना के तहत देशभर में गंगा नदी में जगह-जगह ऑटोमैटिक वाटर मॉनीटरिंग उपकरण लगाए जाएंगे। इनसे स्वतरू पानी का विश्लेषण हो जाएगा। जीपीआरएस सिस्टम के माध्यम से डाटा दिल्ली में बनने वाले मुख्यालय में पहुंच जाएगा और दिल्ली में बैठे-बैठे गंगा में होने वाले प्रदूषण की स्थित साफ हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक, देशभर में 150 से अधिक केंद्र बनाए जाएंगे। एक केंद्र पर करीब 55 लाख रुपये की लागत आएगी। ये केंद्र गंगा से सटे जिलों में बनेंगे। यहां गंगा की हार्डनेस, पीएच मान, बीओडी, सीओडी, क्लोरीन, नाइट्रेट आदि की मात्रा की जांच होगी। प्रदूषण त्रियंण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में इसके तहत केंद्र सरकार के अधिकारियों ने कुछ जगह पर केंद्र बनाने के लिए जगह का मुआयना भी किया है।