गगनयान मिशन पर बोले ISRO चेयरमैन, लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद अंतरिक्ष में होंगे यात्री
इसरो के चीफ के. सिवन ने कहा है कि अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने के लिए प्रस्तावित गगनयान मिशन में तीन लोग होंगे और यह यान सिर्फ 16 मिनट में अंतरिक्ष में पहुंच जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष के. सिवन ने बीते दिन मीडिया के सामने प्रजेंटेशन देते हुए कहा कि अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने के लिए गगनयान मिशन को प्रस्तावित किया गया है। इस प्रोगाम के तहत तीन क्रू मेंबर श्रीहरिकोटा से लॉन्च के महज 16 मिनट बाद स्पेस में होंगे और वे अंतरिक्ष में करीब सात दिनों तक रहेंगे। पृथ्वी की सतह से करीब 300 से 400 मीटर की ऊंचाई पर गगनयान करीब सात दिनों तक चक्कर लगाएगा। इसके बाद गुजरात के अरब सागर के क्रू मेंबर मॅाड्यूल सहित वापस आ जाएंगे।
गौरतलब है कि इस साल स्वतंत्रता दिवस के दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधन में कहा था कि भारत देश साल 2022 तक अंतरिक्ष में भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को भेजगा। अगर भारत का यह मिशन कामयाब रहता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद इंसान को अंतरिक्ष में भेजने वाला चौथा देश भारत बन जाएगा। वहीं इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि गगनयान मिशन में करीब 10 हजार करोड़ का खर्चा आएगा और इस मिशन के तहत महज 16 मिनट में अंतरिक्ष की कक्षा में पहुंचेगा। वहीं इस मिशन पर जाने वाले क्रू मेम्बर को पृथ्वी पर वापस अरब सागर या फिर बंगाल की खाड़ी में उतर सकते है अथवा अगर जरूरत हुई तो जमीन पर भी उतर सकते हैं।
इसरो अध्यक्ष ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि ऑर्बिटल मॉड्यूल में दो हिस्से होंगे। इसके एक हिस्से में क्रू मॉड्यूल में ही तीनों अतरिक्ष यात्री रहेंगे। वहीं दूसरे हिस्से में तापमान और दबाव को बनाए रखने करने के लिए जरुरी उपकरण रखें जाएंगे। साथ ही इस दौरान इसमें आॅक्सीजन और खाने पीने संबधी चीजें भी होंगी।
वहीं जब यह स्पेसक्राफ्ट वापस धरती की ओर आएगा तो इसकी गति काफी कम रहेगी और पृथ्वी के करीब 120 किमी की दूरी पर आने पर सर्विस माड्यूल से क्रू मॅाड्यूल अलग हो जाएगा और सभी यात्री पैराशूट के जरिए अरब सागर में उतरेंगे।
वहीं इस पूरे मिशन की जिम्मेदारी 56 साल के वैज्ञानिक डॉ. वीआर ललितांबिका को सौंपी गई है। हालांकि अभी इसमें जाने वाले क्रू मेम्बरों के नाम तय नहीं हुआ है, लेकिन इस मिशन के लिए जो यात्री जाएंगे। उनको तीन साल की कड़ी ट्रेनिंग मिलेगी, जिसमें जीरो ग्रविटी की ट्रेनिंग भी शामिल है।