पर्यटन
गढ़वाल: स्वाद और सेहत का खजाना
गढ़वाल: देवभूमि के तौर पर गढ़वाल इंडो-आर्यन और इंडो-ईरानी सभ्यता का मेल है। यह मेल इसकी संस्कृति से लेकर खान-पान की आदतों तक हर जगह देखने को मिलता है। बात चाहे साक-सब्जी की हो या मांसाहार की, सादा लेकिन पौष्टिक खान-पान यहां की जरूरत भी है और पहचान भी, एक नजर गढ़वाल के कुछ खास और प्रचलित पकवान और व्यंजनों पर…
- भांग की चटनी: आप अगर गढ़वाल में हैं और चाहे किसी भी तरह का भोजन कर रहे हैं। भांग की चटनी इसे और स्वादिष्ट बनाती है। इसका खट्टा-नमकीन-तीखा फ्लेवर सभी तरह के परांठे और मंडवे की रोटी के साथ जबरदस्त स्वाद देता है।
- आलू का झोल: हालांकि यह गढ़वाल की स्पेशएलिटी है, लेकिन इसे देशभर में कहीं भी आसानी से बनाया जा सकता है। मुख्य रूप से इसमें आलू और टमाटर का इस्तेमला होता है और सब्जी पकाने के क्रम में गाढ़ी कढ़ी रखी जाती है। जबकि इसे बनाने के क्रम में आलू को उबालकर मैश कर दिया जाता है। साथ ही टमाटर को भी बारीक काटकर डाला जाता है।
- चैसो: इसमें उड़द और भट्ट की दाल को पीसकर गाढ़ा पकाया जाता है। इसके स्वाद में इजाफे के लिए बारीक टमाटर, प्याज, अदरक का पेस्ट बनाकर खूब पकाया जाता है। यह दिन के खाने के तौर पर खूब पसंद किया जाता है।
- अरसा: शादी-ब्याह के मौसम में इसे खास तौर पर बनाया जाता है। इसके लिए चावल को पीसकर आटे की शक्ल दी जाती है। फिर गुड़ को पिघलाकर इसमें मिलाया जाता है और बिस्किट के आकार में तेल या घी में फ्राई किया जाता है। गढ़वाल का यह एक पारंपरिक मीठा पकवान है।