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गुजरात के पूर्व गृहमंत्री हरेन पंड्या के हत्यारे सऊदी अरब में गिरफ्तार

1_1444391307दस्तक टाइम्स/ एजेंसी. अहमदाबाद। गुजरात के पूर्व गृहमंत्री हरेन पंड्या की हत्या केस के दो आरोपियों मुफ्ति सुफियान और जैनुल आबिद्दीन को सऊदी अरब में गिरफ्तार किए जाने की खबर आई है। हालांकि मुफ्ति सूफियान की पहचान की पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो सकी है। मुफ्ति सूफियान के बारे में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ही सऊदी अरेबिया को सूचना दी थी और उस पर जनवरी, 2015 से ही नजर रखी जा रही थी।
 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुफ्ति सूफियान और जैनुल आबिद्दीन को जल्द ही भारत सरकार के सुपुर्द कर दिया जाएगा। सुफियान और आबिद्दीन आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़े हुए हैं। अहमदाबाद में 2006 में हुए श्रंखलाबद्ध बम धमाके में भी इनका हाथ था। इस नजरिए से भारत को यह बड़ी सफलता मिली है। इंडियन मुजाहिद्दीन के संस्थापक रियाज भटकल का करीबी माने जाने वाला मुफ्ति सुफियान 2008 में पाकिस्तान भाग निकला था और इसके बाद सऊदी अरब। वहीं, जैनुल भी 2008 में भारत से भाग निकलने में कामयाब हो गया था। 
वर्ष 2009 में जब बेंगलुरु पुलिस से आतंकी सैयद अफाक को गिरफ्तार किया था। तब पूछताछ में उसने ही जैनुल और सूफियान के बारे में यह जानकारी दी थी कि दोनों पहले पाकिस्तान और फिर सऊदी अरब भाग निकले हैं।
 
हरेन पंड्या:
उल्लेखनीय है कि हरेन पंड्या गुजरात में केशुभाई पटेल की सरकार में गृहमंत्री थी। वर्ष 2001 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब हरेन को भी गृहमंत्री के पद से हटा दिया गया था। हरेन पंड्या की जगह गोरधन झडफिया को गृहमंत्री बनाया गया था। इसी के बाद से मोदी और हरेन पंड्या के बीच मतभेद आ गए थे।
 
2003 में गोली मारकर कर दी गई थी हरेन पंड्या की हत्या:
26 मार्च, 2003 में हरेन पंड्या की हत्या अहमदाबाद के लो गार्डन के पास कर दी गई थी। अज्ञात हमलावरों ने उनकी कार पर सात राउंड फायरिंग की गई थी। ऐसा माना जाता है कि 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों का बदला लेने के लिए ही पंड्या की हत्या की गई थी। अहमदाबाद के कालूपुर में रहने वाले मुफ्ती सुफियान ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए मूल पाकिस्तान स्थित रसूलखान पार्टी की मदद ली थी।
 
हत्या केस में सोहराबुद्दीन कनेक्शन:
सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर केस में जेल में बंद राजस्थान कैडर के दिनेश एमएन ने दावा किया था कि सोहराबुद्दीन, हरेन पंडया और गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर पर हुए आतंकी हमले का आरोपी रसूल पार्टी का मुख्य सदस्य था। सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट में रसूल पार्टी को भी भगोड़ा आरोपी बताया गया है।

 

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