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रूपाणी ने आगे कहा कि गूगल भी नारद की तरह सूचना का एक स्रोत है क्योंकि उसे दुनिया में घट रही सभी घटनाओं की जानकारी है। उन्होंने लोकतंत्र में तटस्थ मीडिया के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि मीडिया सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े कर सकती है लेकिन उसका तटस्थ और विश्वसनीय होना महत्वपूर्ण है। यह पहली बार नहीं है जब भाजपा के नेता ने किसी पौराणिक चरित्र का जिक्र किया है। इससे पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब भी अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं।
देब ने कहा था कि महाभारत काल में इंटरनेट मौजूद था। उन्होंने तर्क देते हुए कहा था कि अगर भारत के पास इंटरनेट की तकनीक नहीं होती तो, महाभारत में संजय धृतराष्ट्र को युद्ध का आंखों-देखा हाल कैसे बयां कर पाता? उन्होंने कहा था कि देश के पास उस वक्त सैटेलाइट मौजूद थी और ये लाखों साल पहले तकनीक के मौजूद होने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि लोग इसे नकार देते हैं, लेकिन यही सच है।
मुख्यमंत्री के इस बयान पर राज्य के राज्यपाल तथागत राय ने भी सहमति जताई थी। उनके बयान का समर्थन करते हुए राज्यपाल ने उनके तर्क को सही ठहराया था। इसके बाद उन्होंने कई और बेतुके बयान दिए थे जिसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें दिल्ली तलब किया है क्योंकि कुछ दिन पहले ही ऐप के जरिए विधायकों और सांसदों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने उन्हें कम बोलने की सलाह दी थी।