गुजरात में तीन महीने में आठ विधायकों का इस्तीफा
गांधीनगर : राज्यसभा की चार सीटों के लिए गुजरात में 19 जून को होने वाले चुनाव से पहले सियासी ड्रामा शुरू हो गया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए अब तक इसके 8 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
इससे पहले मार्च में कांग्रेस के 5 विधायकों प्रवीण मारू, मंगल गावित, सोमाभाई पटेल, जेवी काकड़िया और प्रद्युम्न जडेजा ने इस्तीफा दे दिया था। गुरुवार को दो विधायक अक्षय पटेल और जीतू चौधरी ने इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार को एक और विधायक बृजेश मेरजा ने इस्तीफा दे दिया। जब मार्च में पहली बार कांग्रेस में बगावत शुरू हुई तो पार्टी ने बाकी विधायकों को राजस्थान के एक रिसॉर्ट में रख दिया था। उसी वक्त मध्य प्रदेश में भी सियासी उठापटक चल रही थी और ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के अलग हो जाने से कमलनाथ सरकार गिर गई थी। राज्य से राज्यसभा के लिए 4 सीटों पर नेता चुने जाएंगे। इनके लिए भाजपा के तीन और कांग्रेस के दो उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है। अब तक के गणित के लिहाज से भाजपा सिर्फ दो सीटें ही जीत सकती थी।
कांग्रेस के 8 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब तीसरी सीट पर भी उसका पलड़ा भारी होता दिख रहा है। विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने गुरुवार को बताया कि करजन सीट के कांग्रेस विधायक अक्षय पटेल और कपराडा के जीतू चौधरी ने बुधवार शाम को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होकर उन्हें अपने इस्तीफे सौंप दिए। इन्हें मंजूर कर लिया गया है। स्पीकर ने दोनों विधायकों के चेहरे से मास्क हटवाकर उनकी पहचान खुद की थी। दोनों ने मर्जी से इस्तीफा देने की बात की थी। राज्य की 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 103 और कांग्रेस के 66 विधायक चुने गए थे। 9 सीटें खाली हैं।
भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के 2 और एनसीपी का एक विधायक है। इन तीनों विधायकों का भी अभी तक कांग्रेस को समर्थन था। इस लिहाज से कांग्रेस के पास अभी तक कुल 69 विधायक हो रहे थे। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 37 वोट की दरकार होगी। ऐसे में कांग्रेस 2 सीटें आसानी से जीतने की उम्मीद में थी। लेकिन मार्च से ही कांग्रेस को झटका लगना शुरू हो गया था। लॉकडाउन से पहले कांग्रेस के पांच विधायकों ने इस्तीफा दिया था। अब दो और विधायक पार्टी का दामन छोड़ चुके हैं। इस तरह से कांग्रेस के पास अब 62 विधायक बचे।