गुणात्मक शिक्षा ही करेगी छात्रों का सर्वांगीण विकास
सीएमएस के शिक्षक सम्मान समारोह में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बोले
लखनऊ: सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि गुणात्मक शिक्षा ही छात्रों का सर्वांगीण विकास करेगी। सी.एम.एस. की प्रशंसा करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि सी.एम.एस. बच्चों को किताबी ज्ञान प्रदान करने के साथ ही चरित्र निर्माण व नैतिक विकास पर विशेष ध्यान दे रहा है, वह प्रंशसनीय है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है एक अच्छा इंसान बनाना और यह तभी सम्भव है जब सबको अच्छी शिक्षा मिले। सभी बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्राप्त हो जो जीवन मूल्यों से परिपूर्ण हो। उन्होंने कहा कि प्राइवेट व पब्लिक दोनों स्कूलों को अध्यापकों की जवाबदेही व शिक्षा के परिणामों पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों को प्रत्येक कक्षा के अनुसार लिखना पढ़ना आना ज़़रूरी है। अध्यापकों की ट्रेनिंग भी आवश्यक है। शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ जीविका उपलब्ध कराना नहीं बल्कि बच्चों को अच्छा इंसान बनाना है। प्रत्येक बच्चे में कुछ विशिष्टता होती है जिसे शिक्षकों को पहचान कर उसे विकसित करना चाहिए। मैं शिक्षा में शिक्षकों, अभिभावकों तथा समुदायों सभी की भागीदारी चाहता हूँ। शिक्षा बच्चों को सशक्त बनाती है, जीविका का साधन उपलब्ध कराती है और सबसे आवश्यक है कि वह बच्चों को एक अच्छा इन्सान बनाती है। श्री जावड़ेकर आज सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में ‘न्यू मॉडल ऑफ एजूकेशन फॉर ट्वेन्टी फर्स्ट सेन्चुरी’ विषयक शिक्षक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
इससे पहले, मुख्य अतिथि प्रकाश जावड़ेकर, मानव संसाधन मंत्री, भारत सरकार ने दीप प्रज्वलित कर शिक्षक सम्मेलन का विधिवत् उद्घाटन किया जबकि समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने की। इस अवसर पर श्रीमती अनुपमा जायसवाल, राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), बेसिक शिक्षा, उ.प्र., संदीप सिंह, राज्यमंत्री, प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च, व्यावसायिक एवं मेडिकल शिक्षा, उ.प्र. एवं सुधांशु त्रिवेदी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा, ने विशिष्ट अतिथियों के रूप में अपनी गौरवमयी उपस्थिति से समारोह की गरिमा में चार चांद लगा दिये। समारोह का शुभारम्भ स्कूल प्रार्थना, सर्वधर्म प्रार्थना एवं विश्व एकता प्रार्थना से हुआ। ‘हाउ टु इम्प्रूव द क्वालिटी ऑफ एजूकेशन इन इण्डिया’ विषय पर विश्व संसद का प्रस्तुतिकरण समारोह का विशेष आकर्षण रहा। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी व डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने विद्यालय के कर्तव्यपरायण शिक्षकों के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया। सी.एम.एस. के क्वालिटी अश्योरेन्स एवं इनोवेशन डिपार्टमेन्ट की हेड सुश्री सुस्मिता बासु ने मुख्य अतिथि समेत सभी का हार्दिक स्वागत अभिनन्दन किया।
‘शिक्षक सम्मेलन’ के विशेष अवसर पर वर्ष भर की शैक्षिक तथा अन्य उपलब्धियों के लिए शिक्षकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट व चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि आज बहुत ही शुभ दिन है जब सी.एम.एस. शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है। इस अवसर पर विदेशों के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में उच्च स्तरीय शिक्षा हेतु चयनित सी.एम.एस. के 57 छात्रों एवं भारत सरकार की किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (के.वी.पी.वाई स्कॉलरशिप) से सम्मानित छात्रों के साथ ही देश-विदेश में आयोजित होने वाली विभिन्न शिक्षात्मक प्रतियोगिताओं एवं गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्र दलों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने सी.एम.एस. के सभी शिक्षकों को उनकी शिक्षा जगत की निःस्वार्थ सेवा के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि आप महान शिक्षकों ने अपने छात्रों को गुणवान व चरित्रवान बनाने के प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी है। सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी ने आमन्त्रित अतिथियों व सी.एम.एस. की सभी प्रधानाचार्याओं व शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की कि प्रत्येक छात्र एक अनमोल मोती की तरह चमकें और अपने माता-पिता, शिक्षकों तथा विद्यालय के गर्व का कारण बने। इससे पहले, सिटी मोन्टेसरी स्कूल के 3000 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने आज विशाल ‘चरित्र निर्माण मार्च’ निकालकर भावी पीढ़ी के चरित्र निर्माण व नैतिक उत्थान की पुरजोर अपील की। इस विशाल मार्च में सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी व डा. भारती गाँधी, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट व चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर प्रो. गीता गाँधी किंगडन समेत सी.एम.एस. के सभी कैम्पस की प्रधानाचार्याओं व कई प्रख्यात हस्तियों ने शामिल होकर भावी पीढ़ी के चरित्र निर्माण की आवाज बुलन्द की।