गुमला में चेचक बना ‘राक्षस’, 36 लोगों की गई जान
गुमला. झारखंड गुमला जिले के सिसई प्रखंड मुख्यालय से 40 किमी दुरी पर लोहरदगा जिला की सीमा पर स्थित अरगो गांव में इन दिनों चेचक महामारी का रूप ले चुका है. इस बीमारी ने जहां दो बच्चों सहित तीन लोगों की जान ले ली है, वहीं कई नन्हे-मुन्ने बच्चे समेत करीब दो दर्जन लोग चेचक से ग्रस्त हैं.
मेडिकल टीम ने गांव में डाला डेरा
मामला सामने आने के बाद जिले से लेकर सिसई रेफरल अस्पताल की मेडिकल टीम गांव में कैंप कर रही है. स्वयं जिला के प्रभारी सिविल सर्जन ने गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लियागांव की महिलाएं कहती हैं कि शुरुआत में शरीर में हल्के दाने दाने निकल रहे हैं. उसके बाद बुखार आ रहा है. इसके साथ ही सर्दी खांसी हो रही है.
एक के एक, तीन मौत से भय का माहौल
ग्रामीणों की माने तो शुरुआत में उन लोगों ने इसे हल्के रूप में लिया, लेकिन जब यह फैलने लगा तो लोहरदगा लेजाकर डॉक्टर से दिखाया गया. गांव में चेचक से तीन लोगों की मौत के बाद से भय का माहौल बन गया है. ग्रामीण अहमद अंसारी कहते हैं कि पहले तो हम इस बीमारी को समझ ही नहीं पाए.
बुखार होने पर लोहरदगा से सामान्य दवा ले कर बीमार को देने लगे. लेकिन सात दिसंबर को पहली मौत और फिर बारह दिसम्बर को दूसरी और सोलह दिसंबर की रात को तीसरे व्यक्ति की मौत के बाद पूरा गांव भयभीत है.
सूचना मिलने पर जिला के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार गांव पहुंचे और पूरे मामले की छानबीन शुरू की. सिसई के साथ ही जिला मुख्यालय से मेडिकल टीम को लेकर पहुंचे.बीमार बच्चों को सदर अस्पताल के आईसोलेटेड वार्ड में रख कर इलाज की प्रक्रिया शुरू की गई है.