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घरेलू कारखाना ऑर्डर व उत्पादन में वृद्धि 10 महीने में सबसे कम

कोरोना ने थामी विनिर्माण रफ्तार,  कारोबार पर असर

नई दिल्ली : देश के घरेलू कारखाना ऑर्डर व उत्पादन में वृद्धि 10 महीने में सबसे कम रही। यह आंकड़ा माई महीने का है, जो कि कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों से कारोबार पर असर पड़ा है। मांग में कमी और संक्रमण बढ़ने से विनिर्माण गतिविधियां व्यापक तौर पर प्रभावित हुई हैं। पीएमआई (आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैचरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक) मई में घटकर 50.8 पर आ गया, जो अप्रैल में 55.5 अंक पर था। इस दौरान कंपनियों के पास नया काम और उत्पादन पिछले 10 महीनों में सबसे कम रहा।

पिछले साल मई में विनिर्माण पीएमआई घटकर 30.8 अंक रह गया था। पीएमआई 50 से ऊपर रहने का मतलब कारोबारी गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि 50 अंक से कम संकुचन दर्शाता है। विनिर्माण पीएमआई का आंकड़ा अप्रैल के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों से पहले आया है। आईआईपी के आंकड़ों से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र पर कोरोना की दूसरी लहर के वास्तविक प्रभाव का पता चलेगा। आईएचएस मार्किट में इकनॉमिक एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में दबाव बढऩे के संकेत हैं क्योंकि कोविड-19 संकट गहरा गया है। मौजूदा बिक्री, उत्पादन और कच्चे माल की खरीद मई में काफी कमजोर हो गई और यह पिछले दस महीनों में सबसे धीमी गति से वृद्धि की ओर इशारा कर रहा है। सही मायने में सभी सूचकांक अप्रैल से कम थे। हालांकि लीमा ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में महामारी और पाबंदियों के प्रतिकूल प्रभाव पिछले साल की तुलना में कम गंभीर हैं। पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के कारण विनिर्माण गतिविधियों में अप्रत्याशित संकुचन देखा गया था। कंपनियों ने मई के दौरान उत्पादन बढ़ाया है लेकिन उसकी रफ्तार काफी कम रही। उत्पादन में वृद्धि दस महीने में सबसे कम रही।

नए निर्यात ऑर्डर भी बढ़े हैं लेकिन इसमें तेजी आने में अभी वक्त लगेगा। लीमा ने कहा कि वृद्धि अनुमान को संशोधित कर कम कर दिया गया है क्योंकि कंपनियां महामारी के प्रसार और स्थानीय पाबंदियों से चिंतित हैं। इससे कारोबार में निवेश और नौकरियों का भी संकट बना हुआ है।’ नये आंकड़े कारोबारी स्थितियों में मामूली सुधार दर्शाते हैं, जो 10 माह के निचले स्तर पर है। साथ ही नए ऑर्डर की रफ्तार भी काफी कम है। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘विनिर्माण पीएमआई में गिरावट अनुमान के अनुरूप है और अप्रैल एवं मई में स्थानीय लॉकडाउन से इसमें गिरावट और बढ़ी है।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि रोजगार के लिहाज से अप्रैल में खासी कमी आई है। पीएमआई का यह आंकड़ा 400 विनिर्माताओं के सर्वेक्षण पर आधारित है।

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