घर खरीदने वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें, ‘आम्रपाली’ ने गायब किए 2500 करोड़ रुपए
नई दिल्ली : आम्रपाली ग्रुप की कंपनियों से करीब ढाई हजार करोड़ रुपए गायब हो गए हैं। कंपनी के चेयरमैन अनिल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में तीन अलग-अलग हलफनामे दाखिल किए हैं, जिनसे यह जानकारी मिली है। हालात ऐसे बताए हैं कि परियोजनाओं को पूरा करने से मुनाफा तो दूर 2,512 करोड़ रुपए कम पड़ेंगे। सवाल उठ रहा है कि एनबीसीसी परियोजनाओं को कैसे पूरा करेगा। सुप्रीम कोर्ट को अनिल शर्मा ने बताया कि नोयडा और ग्रेटर नोयडा की परियोजनाओं में 44,599 घर अधूरे पड़े हैं। इन घरों का निर्माण अगले छह महीनों में पूरा करना है। परियोजनाओं की कुल कीमत 14,527 करोड़ रुपए है।
अब तक 11,109 करोड़ रुपए खरीदारों से लिए जा चुके हैं। अभी 5,627 करोड़ रुपए और मिलेंगे, जबकि अधूरे घरों को पूरा करने के लिए 4,178 करोड़ रुपए निर्माण पर, 2,715 करोड़ रुपए विकास प्राधिकरणों को जमीन का बकाया चुकाने के लिए और 1,246 करोड़ रुपए बैंकों का कर्ज लौटाना है। इस तरह परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 8,139 करोड़ की जरुरत है। खरीदारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अमित गुप्ता का कहना है कि भविष्य में होने वाली आमदनी खर्च से 2,512 करोड़ रुपए कम है। अब सवाल उठता है कि जब परियोजनाओं को पूरा करने लायक पैसा भी नहीं मिलेगा तो नेशनल बिल्डिंग कारपोरेशन कैसे काम करेगा।
दरअसल, यह पैसा अनिल शर्मा ने दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किया है। अपने पहले शपथ पत्र में उन्होंने यह बात सुप्रीम कोर्ट को बताई थी। अमित गुप्ता का कहना है कि एक ओर शपथ पत्र में कह रहे हैं कि परियोजनाओं की कुल कीमत 14,527 करोड़ रुपए है। वह 11,109 करोड़ रुपए खरीदारों से ले चुके हैं। ऐसे में 5,627 करोड़ रुपए और कहां से मिल जाएंगे। घाटे का पैसा औसत के आधार पर घर खरीदारों में बांटकर वसूल कर लिए जाए ,लेकिन इसकी इजाजत सुप्रीम कोर्ट नहीं देगा। परियोजनाओं का एफएआर बढ़ाकर अतिरिक्त घरों के निर्माण की मंजूरी एनबीसीसी को अदालत और प्राधिकरण दे सकते हैं।