इससे तटीय क्षेत्र के बाशिंदों में दहशत बरकरार है। खासकर चहलारी घाट के आसपास की आबादी बाढ़ की आशंका को लेकर बेहद दहशत में है। उधर बैराजों से सवा दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे ग्रामीणों की आशंका को बल मिल रहा है। बुधवार की सुबह करीब 10 बजे घाघरा की लहरों के बीच करीब पांच नाव कटैला पुरवा घाट की तरफ आती नजर आई। लहरों से संघर्ष करते हुए जब ये नावें किनारे लगीं तो देखा कि इन नावों में किसी पर बाइक, किसी पर साइकिल तो किसी पर अनाज व गृहस्थी का अन्य सामान लदा हुआ था। पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि वे घाघरा नदी के बीच टापू पर बसे पचीसा गांव में रहते हैं। अब घाघरा का पानी तेजी से बढ़ रहा है। इससे वे घर का कीमती व जरूरी सामान लेकर टापू से निकलकर सुरक्षित ठिकानों की तरफ जा रहे हैं।