फीचर्ड
घाटी में हिंसा की वजह से टला जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सत्र
कश्मीर हिंसा की वजह से विधानसभा का मानसून सत्र अब दिसंबर में संभव है। संवैधानिक मजबूरी के चलते बजट सत्र से पहले दिसंबर महीने में संक्षिप्त सत्र बुलाए जाने पर विचार चल रहा है। विधानसभा अध्यक्ष कवींद्र गुप्ता ने बताया कि छह महीने में संवैधानिक सत्र बुलाए जाने की मजबूरी है। इस वजह से दिसंबर में संक्षिप्त सत्र बुलाया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन की वजह से बजट सत्र नहीं हो पाया था। बाद में महबूबा सरकार बनने पर श्रीनगर में बजट सत्र हुआ जो दो जुलाई को समाप्त हुआ। आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद आठ जुलाई से घाटी में हिंसा जारी है। इस वजह से मानसून सत्र नहीं बुलाया जा सका।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि संवैधानिक बाध्यता है कि दो सत्रों के बीच छह महीने का समय अधिक हो जाने पर राज्यपाल शासन का खतरा रहता है। इस वजह से बजट सत्र से पहले दिसंबर में सत्र बुलाए जाने की मजबूरी है। इसके लिए राज्य सरकार से बात की जाएगी और संवैधानिक व्यवस्थाओं की जानकारी दी जाएगी।