ज्ञान भंडार
चंद्रमा से आज बरसेगा ‘अमृत’, साल में एक बार आती है यह रात
सनातन धर्म में Poornima का अपना महत्व है। वैसे तो हर महीने पूर्णिमा होती है, लेकिन इन सब से अलग Sharad Poornima का वर्णन पुराणों में मिलता है।
मान्यता के अनुसार, इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के काफी नजदीक आ जाता है। आज की रात छतों पर खीर बनाकर रखी जाती है। कहा जाता है कि आज के दिन चंद्रमा से ‘अमृत’ टपकता है, जो स्वास्थ्य के लिये लाभदायक है। आज शरद पूर्णिमा है। जानिये इससे जुड़ी और खास बातें।
श्रीकृष्ण ने बताई थी ये बात
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन साल में एक बार चंद्रमा षोडश कलाओं का होता है। इस दिन रात में चंद्रमा से अमृत की बूंदे टपकती हैं। इसे रसोत्सव के नाम से भी जानते हैं। मान्यतानुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने लोगों की भलाई और उनके स्वास्थ्य के लिये यह दिन निर्धारित किया था। आज ही के दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था।
आज से ही एक महीने का यमुना स्नान और व्रत प्रारम्भ हो जाता है। महिलाएं रोजाना यमुना स्नान करती हैं और बच्चों के बेहतर भविष्य की कामना करती हैं। इस दिन शिव-पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं। इसी के साथ पवित्र कार्तिक मास का शुभारंभ भी हो जाता है।
आयुर्वेद में है शरद पूर्णिमा का जिक्र
आयुर्वेद के विद्वानों का मानना है कि शरद पूर्णिमा की रात चावल, मिश्री, दूध मिलाकर खुली छत पर रखने और सुबह खाने से विशेष लाभ होता है। यह खाने से ब्लड प्रेशर, घबराहट, दिमागी रोग दूर होते हैं। दमा के रोगियों के लिये भी यह विशेष फायदेमंद होता है।