![चिदंबरम ने कहा- एयरसेल-मैक्सिस भ्रष्टाचार मामले में जांच एजेंसियों का सहयोग नहीं कर रही हैं](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2018/11/215932-p-chidambaram.jpg)
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि वे एयरसेल-मैक्सिस भ्रष्टाचार मामले में जांच एजेंसियों का सहयोग नहीं कर रहे हैं। जांच एजेंसियों ने उनकी अग्रिम जमानत याचिकाओं पर दाखिल जवाब में यह आरोप लगाया था।
![चिदंबरम ने कहा- एयरसेल-मैक्सिस भ्रष्टाचार मामले में जांच एजेंसियों का सहयोग नहीं कर रही हैं](http://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2018/11/215932-p-chidambaram.jpg)
चिदंबरम ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) अनुमोदन के अनुदान में कोई अपराध नहीं किया गया था और इस मामले में कोई अवैध संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई थी और यह कोई षड्यंत्र नहीं था। उन्होंने कहा कि एयसेल मैक्सिस मामले सीबीआई ने चिदंबरम पर आरोप लगाया था कि चिदंबरम एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वह इस मामले में अपने प्रभाव का उपयोग कर मामले पर असर डाल सकते हैं।
एयरसेल मैक्सिस डील केस : सीबीआई और ईडी ने कहा था, सहयोग नहीं कर रहे पिता-पुत्र
पटियाला हाउस अदालत के विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी के समक्ष चिदंबरम और कार्ति की ओर से अधिवक्ता पीके दुबे और अधिवक्ता अर्शदीप सिंह ने यह जवाब दाखिल किया। इस जवाब में कहा गया है कि सीबीआई और ईडी का आरोप पूरी तरह निराधार है। उनके मुव्वकिलों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है।
अदालत ने इस मामले में पिता-पुत्र की गिरफ्तारी पर रोक 26 नवंबर तक बढ़ा दी है। सीबीआई व ईडी ने जमानत याचिका पर जवाब में कहा है कि इस मामले की जांच के लिए पिता-पुत्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मई 2018 में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
इसके बाद कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी जिसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है।
कोर्ट के समक्ष सीबीआई और ईडी की ओर से जिरह में सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि केस की जांच तय समय में पूरी करनी है, लेकिन चिदंबरम व कार्ति सहयोग नहीं कर रहे हैं। पेश मामला एयरसेल-मैक्सिस डील में 3500 करोड़ और आईएनएक्स मीडिया मामले में 305 करोड़ के कथित भ्रष्टाचार की जांच से जुड़ा है।