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चीन-पाक से बढ़ते तनाव के बीच गन की कमी से जूझ रही है भारतीय सेना

पाकिस्तान और चीन से बिगड़ते संबंधों के बीच एक चिंताजनक खबर आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आर्मी के थल सैनिकों के पास राइफल्स, स्नाइपर गन, लाइट मशीनगन और कार्बाइन जैसे बेसिक हथियारों की कमी है। हथियारों की इस कमी के पूरा ना होने का कारण
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, आर्मी को 8 लाख 18 हजार 500 राइफल, 4 लाख 18 हजार 300 कार्बाइन, 43 हजार 700 मशीन गन और 5 हजार 679 स्नाइपर्स गन की सख्त जरूरत है। इसमें से कुछ हथियार एयरफोर्स और नेवी के लिए भी होंगे।
पिछले हफ्ते हुई आर्मी कमांडर्स की कॉन्फ्रेंस में इस पर बात हुई थी। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कमांडर्स को बताया कि आर्मी को संतुलित और फोकस नजरिया लेकर आगे कदम उठाने हैं।
भारत स्वदेशी हथियार बनाने की कोशिश करने के साथ-साथ स्वदेशी राइफल INSAS का विकल्प भी ढूंढ रहा है क्योंकि उसमें गड़बड़ी की आशंका रहती है।
हाल में भारत ने 5.56*44mm की कार्बाइन का सौदा रद्द कर दिया था जिसकी रेंज 200m थी। आर्मी सबसे पहले 5,679 नई राफइल्स खरीदना चाहती है, जो 7.62 mm की ड्रेग्नोव राइफल्स की जगह लेगीं, जिन्हें 1990 में रूस से खरीदा गया था।
भारतीय आर्मी दूसरे नंबर की सबसे बड़ी सेना है जिसके आगे सिर्फ चीन है। इंडियन आर्मी में 11.6 लाख सैनिक और 41,162 ऑफिसर शामिल हैं। इसमें 4.8 लाख थल सैनिक हैं जिसकी 382 बटालियन और 63 राष्ट्रीय राइफल युनिट हैं।
हर बटालियन में 800 से 900 लोग होते हैं। उनको 438 राइफल, 225 कार्बाइन, 40 LMG, 10 स्नाइपर्स, 13 ग्रेनेड लॉन्चर्स और 109 पिस्टल दिए जाते हैं।




