नई दिल्ली। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि लोकसभा चुनाव के बाद अकेले अरविंद केजरीवाल पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहा जा सकता आम आदमी पार्टी (आप) ने नेताओं की नई फौज तैयार करनी शुरू कर दी है।पार्टी सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि आम चुनाव पार्टी के लिए इस बात की कठिन परीक्षा साबित हुई है कि पार्टी को विचारधारा दर्शन और सिद्धांतों के आधार पर आगे ले जाने के लिए नेताओं की कतार का होना बेहद जरूरी है।एक वरिष्ठ आप नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा ‘‘हमने देशभर से करीब 1०० से 15० ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं के नाम चुने हैं जिन्होंने आम चुनाव के दौरान बड़ी भूमिका निभाई है। इन्हें विकसित किया जा सकता है।’’ नेता ने कहा ‘‘आप में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया जाएगा। चुनाव परिणामों से इतर हम अपने आधार का विस्तार करेंगे हालांकि हम पहले से ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति का अहसास करा चुके हैं।’’ गठन के मात्र एक वर्ष के बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी ने धमाकेदार प्रदर्शन किया और फिर 543 सदस्यों वाली लोकसभा के लिए चल रहे आम चुनाव में पार्टी ने 4०० प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। 7० सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में पार्टी ने 28 सीटों पर कामयाबी पाई थी और 16 दिनों तक चले मंथन तथा मतदाताओं की राय लेने के बाद पार्टी ने कांग्रेस के 8 विधायकों के बाहरी समर्थन पर सरकार बनाई। कांग्रेस ने हालांकि जन लोकपाल विधेयक पर सरकार का साथ नहीं दिया। अंतत: केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया। एक अन्य पार्टी सूत्र ने आईएएनएस से कहा ‘‘16 मई के बाद आप संभवत: पार्टी नेतृत्व में नए चेहरों को शामिल करेगी। हर बार लोगों को जुटाने और अपनी बात समझाने में अकेले अरविंद कामयाब नहीं हो सकते। हमारे पास और नेता होने चाहिए।’’