जज ने पानी में वॉटरप्रूफ फोन डुबोकर चेक किया, खराब हुआ तो कंपनी पर लगाया जुर्माना
हरियाणा में झज्जर के उपभोक्ता अदालत में एक मोबाइल कंपनी ने अपने हैंडसेट को वॉटर प्रूफ बताया. लेकिन कंपनी का दावा तब झूठा साबित हो गया जब जज ने बर्तन में पानी भरवाकर उसमें मोबाइल डुबोकर चेक किया.
दरअसल, साहिल जसवाल नाम के शख्स ने 2 मई 2017 को झज्जर की एक दुकान से 56 हजार 900 रुपये में मोबाइल खरीदा. उपभोक्ता ने शिकायत की थी कि कंपनी झूठा प्रचार कर रही है कि उनका मोबाइल वॉटर प्रूफ है. कंपनी से कोई ठोस उपाय नहीं किए जाने पर एडवोकेट रजनीश ने पीड़ित उपभोक्ता की ओर से उपभोक्ता फोरम में कंपनी के खिलाफ याचिका दायर की.
फिर इस मामले पर बहस के बीच उपभोक्ता फोरम के जज ने मोबाइल को पानी में डालने का आदेश दिया. कोर्ट में पानी से भरा बर्तन मंगवाया गया और मोबाइल उसमें डाल दिया तो वह खराब हो गया.
इसके बाद जज ने मोबाइल कंपनी को आदेश दिया कि वह उपभोक्ता को मोबाइल पूरी तरह ठीक करके दें या उसकी जगह नया सेट दें या उसकी कीमत 56 हजार 900 रुपए दी जाए. यही नहीं, जज ने यह आदेश भी दिया कि खर्चे के रूप में कंपनी को साढ़े सात हजार रुपये की राशि भी पीड़ित को देना होगी.