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जन्नत से कम खुबसूरत नही है भारत के ये 5 खूबसूरत गांव, खुशनसीब लोग ही जा पाते है यहाँ

आज हम 5 ऐसे गांव के संबंध में बात करने वाले है जो दुनिया के सबसे खूबसूरत ग्रामों में से एक है। हालांकि आज से पहले आप लोगों ने कई ग्रामों के संबंध में सुना या देखा होगा जो खूबसूरती के लिये ही जाने जाते है। वैसे भी शहरों की अपेक्षा ग्रामों में जीवन काफी अच्‍छा व्‍यतीत होता है क्‍योंकि वहां हम लोगों को शुद्ध हवा सांस लेने में सहायक बनी है पर वहीं शहर में इसके विपरीत रहता है।
जन्नत से कम खुबसूरत नही है भारत के ये 5 खूबसूरत गांव, खुशनसीब लोग ही जा पाते है यहाँ  आपकी जानकारी के लिये बता दें कि सही मायनों में गांवों में सुंदरता, अपनी कार्यशैली, अपनी प्राचीन संस्कृति और सभ्यताएं होती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की मिट्टी में आपको शुद्धता और उसकी सौंधी-सौंधी खुशबू मंत्रमुग्ध कर देती है। इनकी खूबसूरती इतनी अद्भुत होती है शहर की चमक सब फीकी पड़ जाती है, आज की भागा-दौड़ी में कहां कोई गांव के शुद्ध वातावरण में रह पाता है और ना ही उस जगह चाह कर भी जा पाता है। आज हम जिन गावों के संबंध में बात करने वाले है दुनिया के सबसे खूबसूरत ग्रामों में से है जो कि कुछ इस प्रकार है…

पहला : मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 11 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर बसा स्मित गांव बहुत ही खूबसूरत है, स्मित की हवा में शुद्धता और ताजगी का एहसास घुला हुआ है, इस वजह से ही इस गांव को प्रदूषण मुक्त गांव का दर्जा दिया गया है, स्मित की प्रकृति में चकित कर देने वाले ऩजारे हैं जो आपकी आंखों को सुकून प्रदान करते हैं, स्मित के लोग मुख्य रूप से झूम खेती का इस्तेमाल करते हैं. यहां सब्जी और मसाले की खेती होती है, स्मित में चीनी मिट्टी की चट्टाने आपको मंत्रमुग्ध कर देती हैं।

दूसरा : दुनिया की सबसे महंगी चरस मलाना मिल्क और अपने कायदे-कानून की धाक पर शासित होने वाला मलाना गांव हिमाचल की कुल्लू घाटी के उत्तर में पार्वती घाटी की चंद्रखानी की हरी-भरी वादियों से ढका है,ये गांव मलाना नदी के पास खूबसूरत पहाड़ियों के किनारे बसा है,यहां आबादी कम और कुदरती करिश्मे ज़्यादा हैं। यहां के अद्भुत नजारे सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

तीसरा : दार्जलिंग के पश्चिम में समुद्र तल से लगभग 4905 फीट की ऊंचाई पर बसा मिरिक एक छोटा सा गांव हैं, जहां प्रकृति ने अपने चरम पर सौंदर्य बिखेर रखा है,हिमालय की वादियों में देवदार से घिरी मिरिक झील यहां के नजारों को सुरम्य बना देती है, चाय के ढलानी बागान,जंगली फूलों की चादर, क्रिप्टोमेरिया के पेड़ यहां आने वाले सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं, इस गावं में अपनों के साथ सुकून से पल बिता सकते हैं।

चौथा : शिलांग के अद्भुत दृश्य खासकर वहां की मनमोहक पहाड़ी का दृश्य सुकून देने वाला है, आप इस गांव की हर एक गली को देखकर वहीं पर बसने के लिए मजबूर हो जाएंगे, इस गांव की असल पहचान इसकी खूबसूरती है और यहां गंदगी बिल्कुल नाम मात्र है, इस गांव को सबसे स्वच्छ गांव का ताज दिया गया है वो भी इसका श्रेय यहां के गांव वालों को जाता है,हर वर्ग के लोग दिल खोलकर गांव की सफाई करते हैं और ग्रामीण अपने द्वारा बनाए गए बांस के कूड़ेदान में कचरा जमा करके उसे खेती के लिए प्रयोग में लाते हैं।

पांचवा : खोनोमा गांव कोहिमा से 20 किलोमीटर दूर खोनोमा की हरी-भरी वादियों में स्थित है,यहां पर 100 से भी ज्यादा अलग-अलग प्रजाति वाले वन्य प्राणियों और खूबसूरती जीव-जंतु रहते हैं जो यहां पर आने वालों को आकर्षित करते हैं, यहां के हर एक घर एक दूसरे से जुड़े हैं,पहाड़ियों की ढलान बहुत ही खूबसूरती के साथ बनाए गए हैं, हर घर के दरवाजे पर एक खास तरह का सींग लटकाया जाता है जो गांव वालों की सुरक्षा करता है, ये गांव अपनी अलग तरह की खेती के लिए भी जाना जाता है,यहां पर जंगली फलों, सब्जियों सहित लगभग 250 पौधों की प्रजातियों के पौधे पाए जाते हैं।

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