राज्य

जम्मू-कश्मीर का एक ऐसा इलाका जहां मौत लेकर आती है लोहड़ी-दिवाली

dead-body_1457142579त्योहारों के मौके पर पंचैरी के पुरानीभुत्ती क्षेत्र को जैसे किसी की नजर लग जाती है। खुशी का माहौल यहां गम में बदल जाता है। दीपावली और लोहड़ी इस गांव में मौत लेकर आती है। मौत के मामले या तो संदिग्ध होते हैं या फिर हत्या का। लेकिन आज तक कोई मामला सुलझा नहीं है।
 
वर्ष 2008 से पुरानीभुत्ती में त्योहार पर संदिग्ध मौत या हत्या का सिलसिला शुरू हुआ जो थम नहीं रहा है। हालात ये हो गए हैं कि लोहड़ी और दीपावली पर गांव के लोग भयभीत रहते हैं।

इस बार दीपावली पर गांव के करतार सिंह का शव उसके घर से कुछ ही दूरी पर संदिग्ध हालत में मिला। इससे पहले वर्ष 2014 में दिवाली पर पंचैरी के दनोता में रहने वाले शेर सिंह का शव एक पहाड़ी के नीचे मिला था। पुलिस ने इस संदिग्ध मौत की जांच शुरू की थी, लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला। यह भी पता नहीं चला कि वह पहाड़ी पर क्यों गया था।

लाई डिटेक्टर टेस्ट के बाद भी नहीं सुलझी गुत्थी

इससे भी पहले पुरानीभुत्ती क्षेत्र में रहने वाली दंपति अशोक खजूरिया और उनकी पत्नी प्रोमिला खजूरिया पर वर्ष 2008 में लोहड़ी के दिन कुछ अज्ञात लोगों ने तेजधार हथियारों से वार कर दोनों को मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन अभी तक पुलिस उस डबल मर्डर का मामला सुलझाने में कामयाब नहीं हो पाई है।

हालांकि हत्या के बाद से अब तक पुलिस ने सैकड़ों लोगों से पूछताछ की। 40 लोगों के लाई डिटेक्टर टेस्ट किए। पांच के नारको टेस्ट और 175 लोगों के फिंगर प्रिंट लिए जा चुके हैं। वर्ष 2014 में लांदर की रहने वाली सरो देवी घर से लापता हो गई थी। लापता होने के बीस दिन बाद उसका शव घर से 300 मीटर दूरी पर पत्थर के नीचे से बरामद किया गया। लेकिन इस मामले का भी रहस्योद्घाटन आज तक नहीं हो सका है। 

वहीं एसएसपी शैलेंद्र मिश्रा का कहना है कि पंचैरी क्षेत्र में त्योहारों पर शव मिलने या हत्या होने के मामले को खुद पंचैरी का दौरा जानकारी हासिल करेंगे। वर्ष 2008 में पुरानीबुती के खजूरिया दंपति की हत्या के केस को अभी तक बंद नहीं किया गया है। एक एसपी रैंक के अधिकारी इस केस की जांच कर रहे हैं। समय-समय पर कोर्ट को इस केस के बारे में जानकारी दी जाती है। मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी कि इस हत्या के मामले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए।

लोहड़ी-दिवाली पर भयभीत रहते हैं ग्रामीण

दंडोता पंचैरी के पूर्व सरपंच जीवन शर्मा ने कहा कि जब भी लोहड़ी-दिवाली नजदीक आती है, लोगों को इसी बात का भय लगा रहता है कि क्या पता इस बार त्योहार पर किसका शव मिलने वाला है। भय के कारण इलाके के लोग त्योहारों को सही तरीके से मना नहीं पाते हैं।

उन्होंने कहा कि संदिग्ध मौत और हत्या की मुख्य वजह अवैध रूप से शराब का धंधा है। इसमें विवाद के कारण ही हत्याएं होती हैं। पूरे क्षेत्र के लोग इस तरह की होने वाली घटनाओं को राकेने के लिए पुलिस के साथ सहयोग करने को तैयार है।

 

Related Articles

Back to top button